उत्तर प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को जोड़ेने वाले बहुप्रतीक्षित गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य सितंबर में शुरू होगा। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही कहा था कि 1,020 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू होने वाला है। योगी सरकार जनवरी 2025 में होने वाले कुंभ को भव्य और दिव्य बनाने के लिए जुट गई है। दिल्ली एनसीआर और देश भर के लोग सड़क रास्ते से प्रयागराज आसानी से पहुंच सकें।
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEDIA) ने मेरठ को प्रयागराज से जोड़ने वाली परियोजना के लिए पहले से ही टेंडर जारी करने की तैयारी कर ली है। यूपीडा के सीईओ अवनीश कुमार अवस्थी कहते हैं-बारह जिलों से होकर जाने वाले गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरी तेजी से जारी है। गंगा एक्सप्रेसवे 594 किमी लंबा होगा और यह देश का सबसे बड़ा निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे है। इसमें 594 गांव पड़ेंगे। एक अगस्त तक 6966 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है।
काम तेजी से हो सके लिहाजा रास्ते में पड़ने वाले सभी बिजली की लाइनों को हटाने का काम चल रहा है।
औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बताया कि हमारी कोशिश है कि कुंभ को लोगों के लिए और अधिक सुविधाजनक बनाया जाए।
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण जनवरी 2025 तक पूरा करने की तैयारी है।
इसके अलावा गंगा एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा और भविष्य में इसे 8 लेन तक बढ़ाया जा सकता है। गंगा एक्सप्रेस-वे पर चलने वाले वाहनों की टॉप स्पीड 120 किमी प्रति घंटे तक सीमित रहेगी। यह परियोजना दिल्ली से प्रयागराज की यात्रा के मौजूदा 10-11 घंटे के समय को घटाकर सिर्फ 6 घंटे कर देगी।
एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र की कंपनी आईआरबी और अडानी समूह मिलकर बना रहे हैं। इसमें मेरठ से अमरोहा तक का 135 किमी का निर्माण आईआरबी और अमरोहा से प्रयागराज तक का काम अडानी समूह द्वारा किया जाएगा।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन