नाबालिग लड़कियों से जुड़े यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी लिंगायत मठ के महंत शिवमूर्ति मुरुघा शरणारु को कर्नाटक पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया-

कर्नाटक में नाबालिग बच्चियों से रेप के आरोपी लिंगायत धर्मगुरु के मठ में वापस लौटे पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। धर्मगुरु के खिलाफ लोग सख्त ऐक्शन की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्नाटक में नाबालिग बच्चियों से रेप के आरोपी लिंगायत धर्मगुरु के मठ में वापस लौटे पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।

पुलिस ने इस मामले में लिंगायत संत शिवमूर्ति मुरुघा शरणारु के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया था।
गिरफ्तारी के बांद महंत को मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाया जा रहा है। शरणारु की गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले गुरुवार को कर्नाटक पुलिस ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था। शिवमूर्ति मुरुघा शरणारु कर्नाटक के चित्रदुर्ग में लिंगायत मठ के प्रमुख महंत हैं।

दो नाबालिग बच्चियों की शिकायत के आधार पर पॉक्सो ऐक्ट के तहत यह केस दर्ज किया गया है। इस बीच मठ में वापस लौटे शिवमूर्ति मुरुगा ने कहा, ‘आप सब लोग मेरे साथ हैं और यही मेरी हिम्मत है। डरने की कोई बात नहीं है। कानून का सम्मान करना होगा। समर्थन का आधार यहां मौजूद है। मैं आप सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं। शिकायत में कहा गया कि 15 और 16 साल की पीड़िताओं का उस दौरान रेप किया गया, जब वे लिंगायत मठ के हॉस्टल में रहती थीं। इन छात्राओं का
आरोप था कि उनका करीब 3.5 सालों तक रेप किया गया था।

कर्नाटक हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखकर दावा किया है कि नाबालिग लड़कियों के कथित यौन शोषण मामले में चित्रदुर्ग स्थित मुरुगा मठ के शिवमूर्ति मुरुगा स्वामी के खिलाफ जांच ‘निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से नहीं की जा रही है।

महंत ने सोमवार को अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दायर की थी, लेकिन उनके खिलाफ मंगलवार को एससी-एसटी एक्ट के तहत अतिरिक्त आरोप भी जोड़े गए, क्योंकि दो पीड़ितों में से एक अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय की है। इन लोगों में शिवमूर्ति मुरुगन भी शामिल हैं। इसके अलावा मठ के हॉस्टल का वार्डन का नाम भी इन लोगों में शामिल है।

 

ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’

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