रिलायंस करेगी अमेरिकन सोलर कंपनी सेंसहॉक का अधिग्रहण,100 गीगावाट उत्पादन का लक्ष्य!

रिलायंस करेगी अमेरिकन सोलर कंपनी सेंसहॉक का अधिग्रहण,100 गीगावाट उत्पादन का लक्ष्य!

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (“आरआईएल”) 32 मिलियन डालर में सेंसहॉक इंक (“सेंसहॉक”) का अधिग्राहण करेगी। इस अधिग्रहण के साथ ही सोलर एनर्जी के क्षेत्र में रिलायंस की स्थिती और मजबूत होने की उम्मीद है। सेंसहॉक एक सोलर डिजिटाइज़ेशन प्लेटफ़ॉर्म (SDP) है। जो सोलर एनर्जी के क्षेत्र में एंड टू एंड मैनेजमेंट ऑफर करता है।

2018 में कैलिफ़ोर्निया में स्थापित सेंसहॉक, सौर ऊर्जा उद्योग के लिए सॉफ़्टवेयर-आधारित प्रबंधन टूल का डेवलपर है। सेंसहॉक कंपनियों को प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और सौर परियोजनाओं की योजना से लेकर उत्पादन तक व्यवस्था बनाने में मदद करता है। सेंसहॉक ने 15 देशों में फैले अपने 140 से अधिक ग्राहकों को उनकी करीब 600 साइटों पर एंड टू एंड सॉल्युशन दिए हैं।

देश में ऊर्जा की मांग जिस गति से बढ़ रही है उसमें सौर ऊर्जा का महत्व बढ़ता जा रहा है। आने वाले समय में जैसे जैसे कोयला और पेट्रोलियम जैसे श्रोतों के भंडार खत्म होते जाएंगे वैसे वैसे सौर ऊर्जा पर हमारी निर्भरता बढ़ती जाएगी। सरकार की भी मंशा है कि 2025 तक इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल परम्परागत पेट्रोल डीजल के वाहनों का स्थान ले लें। इसमें भी सौर ऊर्जा की काफी बड़ी आवश्यकता होगी। इसके अलावा घरों, कार्यालयों के साथ उद्योग धंधों की ऊर्जा की जरूरत सोलर के जरिए ही पूरी होगी।
इसीलिए भविष्य का ईंधन सोलर एनर्जी ही होगा जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज का यह कदम मील का पत्थर साबित हो सकता है।

अधिग्रहण के बारे में बोलते हुए, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, “हम अपने परिवार में सेंसहॉक का स्वागत करते हैं।
मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस, ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए प्रतिबद्ध है और 2030 तक 100 GW सौर ऊर्जा बनाने में मदद करने का विजन रखती है। सेंसहॉक के सहयोग से हम सौर परियोजनाओं की लागत कम करेंगे, उत्पादकता बढ़ाएंगे और प्रदर्शन में सुधार करेंगे। मुझे विश्वास है कि आरआईएल के समर्थन से सेंसहॉक का कई गुना विकास होगा।

वहीं सेंसहॉक के सीईओ और सह-संस्थापक, स्वरूप मवनूर ने कहा, “हमे खुशी है कि आरआईएल ने इस निवेश के साथ हम पर भरोसा किया है।“ सेंसहॉक के अध्यक्ष और सह-संस्थापक राहुल सांखे ने सीईओ स्वरूप मवनूर की बात का समर्थन करते हुए कहा कि “यह साझेदारी नए बाजारों के रास्ते खोलेगी। हम सौर ऊर्जा के ईको सिस्टम में सुधार करने के मिशन पर हैं, 2025 तक बाजार का 50% हिस्सा हासिल कर लेंगे।”

लेन-देन कुछ नियामक और अन्य प्रथागत समापन शर्तों के अधीन है और 2022 के अंत से पहले पूरा होने की उम्मीद है। कोविंगटन एंड बर्लिंग एलएलपी और खेतान एंड कंपनी ने कानूनी सलाहकार के रूप में काम किया है और डेलॉयट इस लेनदेन में आरआईएल के लेखा और कर सलाहकार हैं।

पीयूष त्रिपाठी
लखनऊ

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