अतीक गैंग के दो शूटर और तीन मकानों को “मिट्टी में मिलाने” के बाद क्या है योगी सरकार की अगली रणनीति!

दा इंडियन ओपिनियन
लखनऊ

पिछले दिनों प्रयागराज शहर में दिनदहाड़े हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार की काफी किरकिरी हुई थी . कानून व्यवस्था और ईमानदारी के दम पर ही उत्तर प्रदेश में दोबारा योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी सरकार को पूर्ण बहुमत मिला था.

अतीक अहमद गैंग ने इस घटना को अंजाम देने के बाद एक तरह से सीधे योगी आदित्यनाथ को चुनौती दे दी थी इसलिए योगी ने विधानसभा में ही ऐलान कर दिया था कि माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे। योगी के कठोर रवैए को देखते हुए उत्तर प्रदेश की पुलिस ने भी इसी दिशा में काम शुरू कर दिया और उस हत्याकांड के 10 दिन बीतने के पहले ही दो कथित शूटरों का एनकाउंटर कर दिया गया और गैंग से जुड़े 3 लोगों के बहुमंजिला मकानों को मिट्टी में मिला दिया गया जिनकी कीमत करोड़ों रुपए में बताई जा रही है ।

इस मामले में अतीक अहमद के परिवार के कई लोग भी आरोपी हैं पुलिस ने उनके परिवार के लगभग सभी सदस्यों को मुकदमे में शामिल किया है ऐसे में लोग यह सोच रहे हैं कि यूपी पुलिस का अगला कदम क्या होगा? अतीक अहमद के बेटे उनकी पत्नी अतीक अहमद के भाई अशरफ और खुद अतीक अहमद भी पुलिस कार्रवाई के दायरे में है । गैंग से जुड़े लगभग दो दर्जन लोगों पर पुलिस की निगाहें हैं । हत्याकांड में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की एक दर्जन से ज्यादा टीमें सक्रिय है यूपी एसटीएफ ने भी अपनी 10 टीमों को इस काम में लगाया है । कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है ।

जाहिर है कि उत्तर प्रदेश पुलिस इस घटना के बाद एक बड़ा संदेश देना चाहती है योगी सरकार चाहती है कि इस घटना के बाद ऐसी कार्रवाई हो कि आगे चलकर कोई ऐसी घटनाओं को दोहराने का दुस्साहस न कर पाए। इस घटना में मारे गए उमेश पाल बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उन्हें सुरक्षा में दो पुलिस कांस्टेबल भी मिले थे दोनों पुलिस कांस्टेबल ने उनकी जान बचाते हुए कर्तव्य की राह पर अपना बलिदान दे दिया इस बात से भी उत्तर प्रदेश पुलिस और खासतौर पर योगी सरकार काफी नाराज है ।

सूत्रों का मानना है कि गैंग का वही हाल होगा जो विकास दुबे के गैंग का हुआ था पूरे के पूरे गैंग का पुलिस सफाया करना चाहती है। लेकिन अतीक अहमद का राजनैतिक रसूख बहुत बड़ा है । वह बार विधायक और एक बार सांसद भी रह चुके हैं ऐसे में विकास दुबे से अतीक अहमद की तुलना नहीं की जा सकती । अतीक अहमद का गिरोह बहुत बड़ा और बहुत ताकतवर है। लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि उत्तर प्रदेश में लंबे समय बाद योगी आदित्यनाथ जैसे व्यक्तित्व का नेतृत्व है इसे अपने राजनैतिक नफे नुकसान की परवाह नहीं और कानून व्यवस्था और अनुशासन का संदेश देने के लिए योगी आदित्यनाथ किसी भी सीमा तक जा सकते हैं ऐसा उनकी सरकार ने विकास दुबे के मामले में करके दिखा दिया था । खुद अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ और उसके परिवार के सभी सदस्य डरे हुए हैं न्यायालय में उन्होंने गुहार भी लगाई है कि उनके और उनके परिवार के अन्य सदस्यों और योगी सरकार की पुलिस से जान का खतरा है। इसीलिए लोग इस बात की अटकलें लगा रहे हैं कि आगे क्या होगा??

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