आज विश्व बाघ दिवस है, इस मौके पर बिहार के लिए खुशखबरी है। भारत में बाघ को राष्ट्रीय पशु का दर्जा हासिल है और इसकी देखरेख और संरक्षण के लिए सर्वोत्तम उपाय सरकार की ओर किए जाते हैं। यही कारण है कि विश्व में सबसे ज्यादा बाघों की संख्या भारत में है। भारत समेत दुनियाभार में 29 जुलाई को विश्व बाघ दिवस मनाया जाता है।
आंकड़ों के अनुसार वैश्विक स्तर पर बाघों की संख्या में 95 फीसदी तक कमी दर्ज की गई है। IUCN के आंकड़ों के अनुसार बाघों की संख्या में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ोत्तरी नेपाल में दर्ज की गई है। आंकड़ों के अनुसार पिछले 12 वर्षो में बाघों की संख्या में असाधारण वृद्धि के बाद नेपाल बाघों की आबादी को दोगुना करने वाला पहला देश बन गया है।
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में वर्ष 2018 से 2020 के बीच में बाघों की संख्या 40 थी जो कि अब बढ़कर 2022 में 50 से ज्यादा पहुंच जाएगी. बाघों के संरक्षण व संवर्धन का ही नतीजा है कि आज वन एवं पर्यावरण विभाग बढ़ते बाघों की संख्या को लेकर आह्लादित है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए भी एक बेहतर डेस्टिनेशन साबित हुआ है।
राजस्थान सरकार ने भी राज्य में बाघों की संख्या को लेकर आंकड़ा जारी किया है। राजस्थान के चार टाइगर रिजर्व में अब बाघों की संख्या बढ़कर 100 से भी अधिक हो गई है।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’