रिपोर्ट – राजेन्द्र मिश्र,
ऐसा लगता है कि कुंडा के विधायक और भदरी के राज परिवार के युवराज रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का परिवार योगी सरकार के निशाने पर है, उनके बुजुर्गों पिता को हाउस अरेस्ट कर दिया गया है। राजा भैया समर्थकों का कहना है कि लंबे समय से राजा भैया के पिता राजा उदय प्रताप सिंह कुंडा क्षेत्र में स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर पर भंडारे का कार्यक्रम करते हैं संयोग से उसी दिन मोहर्रम भी पड़ता है।
राजा भैया समर्थकों का आरोप है कि पहले वहां भंडारा उनके द्वारा किया जाता था और कोई रोक प्रशासन के द्वारा नहीं लगाई जाती थी। आरोप है कि स्थानीय मुस्लिम नेताओं के दबाव में जिला प्रशासन और योगी आदित्यनाथ सरकार हनुमान मंदिर पर हो रहे परंपरागत भंडारे को पिछले 3 वर्षों से रोक रही है!
वही जिला प्रशासन का मानना है कि मोहर्रम के दिन हनुमान मंदिर पर होने वाले भंडारे के चलते सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है और कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती हैं इसलिए हनुमान मंदिर पर हो रहे कार्यक्रम को रोका जाता है। आरोप है कि यह प्रतिबंध पिछले 3 वर्षों से लगाया जा रहा है। जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए कुंडा विधायक राजा भैया के पिता राजा उदय प्रताप सिंह समेत 11 समर्थकों को हाउस अरेस्ट यानी, नजर बंद करने का आदेश दिया है और उनकी कोठी के चारों तरफ पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।
आज शाम 5 बजे से कल शाम 9 नौ बजे तक हाउस अरेस्ट रहेंगे राजा उदय प्रताप सिंह। वही प्रतापगढ़ के डीएम ने हनुमान मंदिर पर पूजा-भंडारे का कार्यक्रम को निरस्त कर दिया है, जबकि राजा भैया के पिता ने मोहर्रम के दिन भंडारा करने की थी माँग। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक मंदिर पर भंडारा करने पर अड़े राजा उदय प्रताप को इसलिए नजरबंद किया गया है जिससे हिंदू-मुस्लिम तनाव ना हो और हालात सामान्य बने रहे। फैसला स्थानीय तौर पर जिला प्रशासन के द्वारा लिया गया है इसमें कहीं भी उत्पीड़न जैसी कोई बात नहीं है।
अधिकारियों के मुताबिक मंदिर के रास्ते गुजरता है मोहर्रम का जुलूस इसलिए अगर एक साथ भंडारा और मोहर्रम जुलूस दोनों कार्यक्रम होते हैं तो हालात बिगड़ सकते हैं हालांकि इस वर्ष कोविड-19 के चलते सभी धार्मिक कार्यक्रम प्रतिबंधित हैं।