प्रधानमंत्री ने 2022 तक सबके लिए घर देने का वायदा किया है। पीएम ने कहा कि हमारी सरकार चाहती है कि जब आजादी के 75 साल पूरे हों तो कोई ऐसा गरीब ना हो जिसके सर पर छत ना हो। यह योजना महिला सशक्तिकरण का उदाहरण भी है। जिसमें मकान की रजिस्ट्री महिला के नाम हो रही है। अब मोहल्ले में लोग पूछेंगे कि इस मकान की मालकिन कौन है।
अखिलेश के बंगले पर तंज
मोदी ने कहा कि यूपी में केंद्र की योजनाओं को पिछली सरकार के दौरान लागू कराने में काफी मुश्किलें आईं। पिछली सरकार लोगों के घर नहीं बनवा पाई, क्योंकि उनका सिंगल प्वाइंट प्रोग्राम अपने बंगले को सजाना और संवारना था। केंद्र चिट्ठी पर चिट्ठी लिखता रहा लेकिन काम नहीं हुआ।
अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर लखनऊ की चर्चा की
मोदी ने कहा कि अटल विहारी बाजपेयी भले ही आज अस्वस्थ हैं, परन्तु देश में विकास मॉडल बनी अमृत योजना उन्ही से जुडी है। लखनऊ को पूर्व प्रधानमंत्री ने विकास की प्रयोगशाला के रूप में विकसित किया है। वाजपेयी ने कहा था कि ‘बिना पुराने को संवारे, नया भी नहीं संवरेगा। इसी सोच के तहत आज अनेक शहरों में दशकों पुरानी व्यवस्था को सुधारा जा रहा है। वाजपेयी ने वाल्मीकि आंबेडकर आवास योजना के तहत की थी। शहरी परिवहन में बहुत बड़ा परिवर्तन लाने वाली मेट्रो को सबसे पहले दिल्ली में जमीन पर उतारने का काम अटल जी ने किया था।
लखनऊ व गाजियाबाद जारी करेंगे बांड
प्रधानमंत्री ने कहा कि पुणे, अहमदाबाद और इंदौर ने अपने म्युनिसिपल बॉण्ड के माध्यम से लगभग 500 करोड़ रुपये जुटाए हैं। शीघ्र ही लखनऊ और गाजियाबाद भी अपना बॉण्ड जारी करने जा रहे हैं।
देशवासियों पर हमने भरोसा किया
पीएम ने कहा कि पहले हमारे कहने पर सवा करोड़ लोगों ने ‘गैस सब्सिडी छोड़ दी। रेलवे सब्सिडी छोड़ने की बात फ़ार्म में लिखी तो 40 लाख लोगों ने छोड़ दी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि यूपी में 46 हजार लोगों ने समर्थ होने कारण अपनी आवास सब्सिडी भी छोड़ दी है। यदि हम देशवासियों पर भरोसा करें तो वे हमारे भरोसे से आगे दिखाई दे जाते हैं।
देश में ईमानदारी का माहौल बना है
देश में ईमानदारी का माहौल बनने की चर्चा करते हुए कहा अब पहले से ज्यादा लोग कर (टैक्स) देने के लिये आगे आये हैं। चूंकि उन्हें मालूम है कि उनके कर की पाई-पाई विकास योजनाओं पर खर्च होगी, बंगलों पर नहीं, तो वह टैक्स देने को तैयार हैं।
पांच ई पर जीवन
प्रधानमंत्री ने कहा कि नई पीढ़ी के लिए भविष्य की व्यवस्था ऐसी हो जहां जीवन पांच ई यानी ईज ऑफ लिविंग, एजुकेशन, एम्प्लॉयमेंट, इकोनॉमी और एंटरटेनमेंट पर आधारित हो। सरकार के लिए स्मार्ट सिटी सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं है, बल्कि एक मिशन है। मिशन टू ट्रांसफॉर्म द नेशन यानी देश को बदलने का एक मिशन। ये मिशन हमारे शहरों को न्यू इंडिया की नई चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करने का है। 21वीं सदी के भारत में विश्व स्तरीय इंटेलिजेंट अर्बन सेंटर्स खड़ा करने का है।