*बढ़ते काम के दबाव से परेशान दिखने वाले आईएएस अफसरों के लिए नजीर बने डॉ हरिओम, साहित्य शेरो शायरी और ग़ज़ल की दुनिया में भी डॉ हरिओम ने बनाया कीर्तिमान, प्रदेश सरकार में सचिव पद पर होने के बावजूद देश दुनिया में ग़ज़ल की महफिलों की खुशबू बन रहे डॉ हरि ओमl सुनिए एक सीनियर आईएएस की गायी बेहतरीन ग़ज़ल के साथ उनका वीडियो स्टेटमेंट…” द इंडियन ओपिनियन” के लिए मोहम्मद शकील की रिपोर्ट…*


उत्तर प्रदेश के इटावा में आयोजित इटावा महोत्सव के दौरान डॉ हरिओम ने वहां अपनी प्रस्तुति दी इसके अलावा
” द इंडियन ओपिनियन “से खास बातचीत में अपने प्रशंसकों को शुभकामनाएं देने के साथ अपनी पसंदीदा गजल भी सुनाई.. देखिए वीडियो


1997 बैच के आईएएस अफसर डॉ हरिओम वैसे तो अपनी कार्यशैली को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं उनका विनम्र व्यवहार उन्हें साधारण अधिकारियों से अलग करता है लेकिन इसके साथ साथ साहित्य के क्षेत्र में उनका समर्पण भी उन्हें एक अलग मुकाम देता है l
साहित्य गीत संगीत शेरो शायरी से डॉक्टर हरिओम छात्र जीवन से ही जुड़े थे लेकिन आईएएस अधिकारी बनने के बाद भी अपने प्रशासनिक दायित्व के साथ साथ उन्होंने अपने दिल की आवाज को भी बुलंद कियाl

सीनियर आईएएस डॉ हरिओम के जीवन की कुछ खास बातें

लेखक हरिओम: हरिओम कवि, गज़लकार और कहानीकार के साथ मशहूर ग़ज़ल गायक भी हैं. उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के कटारी गाँव में जन्मे हरिओम के उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से. पीएचडी गढ़वाल विश्वविद्यालय से. हाल के वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक संस्थान (द हेग, नीदरलैंड) से ‘रीथिंकिंग द रोल ऑफ़ इन्फार्मेशन एजुकेशन एंड कम्युनिकेशन इन पार्टिसिपेटरी रूरल सैनिटेशन इन उत्तर प्रदेश : असेसिंग पॉसिबल पॉलिसी लेसंस फ्रॉम बांग्लादेश’ विषयक शोध कार्य यूनीसेफ (उत्तर प्रदेश इकाई) और जर्मन के ग्लोब एडिट प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया और काफी चर्चित हुआ. दो ग़ज़ल संग्रह ‘धूप का परचम’ और ‘ख़्वाबों की हँसी’, एक कहानी संग्रह ‘अमरीका मेरी जान’ और कविता संग्रह ‘कपास के अगले मौसम में’ प्रकाशित. ‘तितलियों का शोर’ शीर्षक से कहानियों की दूसरी किताब प्रेस में।

गायक हरिओम: संगीत में इनकी गहरी रूचि. ग़ज़ल गायकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय स्थान. अब तक चार एलबम आ चुके हैं Iइंकलाबी शायर फैज़ अहमद फैज़ को समर्पित ‘रंग-पैराहन’ और ‘इंतिसाब’ नाम से एलबम. इसके अलावा ख़ुद की लिखी ग़ज़लों की गायकी का एल्बम ‘रोशनी के पंख’ नाम से उपलब्ध. ‘रंग का दरिया’ नाम से एक एलबम हाल में रिलीज हुआ और चर्चित हो रहा है. कई स्वतंत्र गीतों को भी अपनी आवाज़ दी।श्रेया घोषाल, कैलाश खेर जैसे बड़े बॉलीवुड कलाकारों के साथ मंच साझा किया।गायकी के लिए नीदरलैंड, लन्दन, और दुबई से आमंत्रण. देश-विदेश मिलाकर अबतक सैकड़ों लाइव म्यूजिक कार्यक्रम कर चुके हैं.

आईएस डॉ हरिओम को साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में योगदान के लिए मिल चुके हैं कई प्रतिष्ठित सम्मान

अपने साहित्यिक और सांस्कृतिक अवदान के लिए फ़िराक़ सम्मान, राजभाषा अवार्ड और अवध के प्रतिष्ठित तुलसी श्री सम्मान,उत्तर प्रदेश गौरव अवार्ड, कविता के लिए 2017 के अंतरराष्ट्रीय वातायन पुरस्कार (लन्दन) से सम्मानित.हाल ही में कुवैत हिंदी-उर्दू सोसायटी की तरफ़ से ‘साहित्य श्री’ अवार्ड।

एक संवेदनशील परिश्रमी आईएएस अधिकारी हरिओम-

१९९७ बैच के UP काडर के चर्चित अधिकारी।११ जिलों में ज़िलाधिकारी के पद पर काम करने के साथ ही शासन में कई महत्वपूर्ण विभागों की ज़िम्मेदारी।भारत निर्वाचन आयोग ने हाल ही में सम्पन्न ज़िम्बाब्वे प्रेज़िडेंट के चुनाव में डॉक्टर हरिओम को अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक के रूप में बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी थी।<