गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि आजादी से पहले भी राजनीति होती थी। भगवान राम, श्रीकृष्ण, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, गांधी और सुभाष चंद्र बोस ने भी राजनीति की थी। उनकी राजनीति में अंतर चरित्र का और मूल्यों के प्रति समर्पण का था। राम ने राम राज्य के लिए राजनीति की। श्रीकृष्ण ने धर्म की विजय के लिए राजनीति की। राजनीति राम के हाथ में गई तो भक्ति हो गई, कृष्ण के पास युक्ति, गांधी-सुभाष के हाथ में शक्ति, आजाद और अशफाक के हाथ में मुक्ति का माध्यम बनी। अगर भ्रष्ट नेता के हाथ में गई तो संपत्ति और अराजक तत्वों के हाथ में विपत्ति बन जाती है। राजनीति जैसे हाथों में जाएगी वैसी बन जाएगी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी) में ’21वीं सदी के भारत के विकास में युवाओं की भूमिका विषयक संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि आज राजनीति के प्रति धारणा बदली है।
अब उसे झूठ, धोखा देने वाली, पीठ में चाकू मारने वाली, पैर खींचने वाली ही माना जाता है लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि सही राजनीति, व्यवस्था को सही मार्ग पर ले जाती है। मैं युवाओं का आह्वान करता हूं कि वो देश को सही मार्ग पर ले जाने वाली राजनीति को पुन: स्थापित करेंगे।
उन्होंने कहा कि नौजवान को सिर्फ रोजगार और विकास तक ही नहीं सीमित रहना चाहिए। उसे सिर्फ रोजगार का उपकरण नहीं बनना चाहिए। उसकी राष्ट्र निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए।