टीम – द इंडियन ओपिनियन,
“बरेली के डीएम नीतीश कुमार ने संकट काल में मनरेगा का सदुपयोग करते हुए 22 लाख मानव कार्य दिवस का सृजन किया और ग्रामीण आबादी को मनरेगा के “आर्थिक प्रहार” से बचाया इसके साथ ही जिले में जल संचयन के लिए ऐतिहासिक कार्य हुआ”।
बरेली ने डीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में मनरेगा में किया उत्कृष्ट कार्य:
बरेली : कोरोना संकट के दौर में जब लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था तेजी से नीचे जा रही थी और बरेली जनपद में अन्य जनपदों की तरह बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर बेरोजगारी की आशंका से परेशान थे तो 22 लाख मानव दिवस सृजित करके डीएम नीतीश ने बरेली के ग्रामीणों को कोरोना की आर्थिक बर्बादी से बचाने के लिए व्यापक योजना धरातल पर उतारी।
बहगुल नदी को ऐसा पुनर्जीवन दिया कि लोग हमेशा याद रखेंगे:
कई वर्षों से उपेक्षा का शिकार बरेली की बहगुल नदी के पुनर्जीवन को एक मिशन के रूप में लिया इसके साथ ही पूरे जनपद में सभी ग्राम पंचायतों के जलाशयों तालाबों की जल संचयन क्षमता को विकसित करने पर जोर दिया।
जिला अधिकारी नीतीश कुमार ने जनपद के सीडीओ और अन्य अधिकारियों की बैठक करके इस महा योजना को क्रियान्वित करने के लिए प्रेरित किया जिसका परिणाम यह रहा कि बरेली जनपद पूरे प्रदेश में मनरेगा के सदुपयोग का एक मॉडल लेकर सामने आया।
जिले में 22 लाख से भी ज्यादा मानव कार्य दिवस सृजित हुए जिसकी वजह से लगभग एक लाख परिवारों को लगातार कई दिनों तक मनरेगा में उनकी इच्छा के अनुसार समुचित काम मिला और जनपद की प्राचीन प्राकृतिक धरोहर बहगुल नदी भी पुनर्जीवित हुई।
मनरेगा से ग्रामीणों ने ऐसा चमत्कार किया कि सिंचाई विभाग और बाढ़ खंड भी इनकी कार्यशैली की प्रशंसा करेंगे:
इस नदी के अवैध कब्जे और खरपतवार को हटाकर इसके तटबंध को भी विकसित किया गया लगभग 20 किलोमीटर के दायरे में इस नदी पर ऐतिहासिक काम हुआ जो कि निरंतर जारी है और सिंचाई विभाग के कार्यशैली की तर्ज पर मनरेगा मजदूरों ने अपने दम पर सीमित संसाधनों और मनरेगा के मानकों का पालन करते हुए लगभग 900 मीटर लंबा और विशाल बांध बनाकर कर यह दिखा दिया श्रम शक्ति और कुशल नेतृत्व के समावेश से विकास के बड़े लक्ष्य भी हासिल किए जा सकते हैं।
रोजगार सृजन के साथ ही पर्यावरण संरक्षण और जल संचयन के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य:
जिले के अन्य सैकड़ों जलाशयों को भी तकनीकी मार्गदर्शन में उनकी गहराई को बढ़ाते हुए उनकी जल संचयन क्षमता को विकसित किया गया जिससे संपूर्ण जनपद की “जल संचयन” क्षमता में वृद्धि हो और भीषण गरमी में भी जिले की सभी ग्राम पंचायतों को पर्याप्त भूगर्भ जल की उपलब्धता रहे।
जिलाधिकारी नीतीश कुमार के निर्देश पर बरेली में बहगुल नदी के नव विकसित तटबंध पर सघन वृक्षारोपण किया गया और जनपद में सभी जलाशयों के किनारे भी सघन वृक्षारोपण कराया गया जिससे जल जीवन विकसित हो सके।
डीएम नीतीश कुमार की सूझबूझ के चलते एक तरफ संपूर्ण बरेली जनपद में मनरेगा के सदुपयोग से पर्यावरण संरक्षण जल संचयन के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य हुए साथ ही संकट काल में भी जनपद के लाखों परिवारों को जीविकोपार्जन का सम्मानजनक विकल्प उपलब्ध कराया गया।
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