इटावा: किसान नेताओं ने पंचायत में सरकार के विरुद्ध निकली भड़ास।

भरथना,इटावा। आन्दोलन और उसमें शामिल किसान सिर्फ अपनी खेती, किसानी बचाने के लिए नहीं लड रहे हैं, बल्कि उनकी लडाई देश के नागरिकों की खाद्यान्न सुरक्षा बचाने, मुश्किलों के बाद हासिल हुई खाद्यान्न आत्मनिर्भरता बचाने, भारत की जमीन को देशी-विदेशी कारपोरेट कम्पनियों के कब्जे से बचाने की लडाई लड़ रहा है, और इस तरह यह पूरे देश को बचाने की लडाई बन गई है।
यह बात आज नगला भोज में सम्पन्न विशाल किसान पंचायत में अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त मंत्री बादल सरोज ने कही। उन्होंने कहा कि 26 नवम्बर से शुरू किसानों के आन्दोलन को आज तीन महीने हो गये। लेकिन सरकार उनकी मांगें सुनने के बजाये उन्हें खालिस्तानी,पाकिस्तानी व देशद्रोही कह रही है। किसानों का इससे बडा दुर्भाग्य क्या होगा,कि अपने अधिकारों की माँग करने पर उन्हें राष्ट्रविरोधी कहा जाता है। उनके साथ दुश्मन की तरह व्यवहार किया जाता है। किसानांे से जिस तरह सरकार बात कर रही है। यह केवल असभ्यता ही नहीं, बल्कि कारपोरेट धूर्तता की सर्वोच्चता भी है। उन्होंने कहा कि तीनों कानूनों के वापस होने में कितना भी वक्त लगे, लेकिन यह आन्दोलन बिना तीनों कानूनों की वापसी और एम०एस०पी०को कानूनी गारण्टी के लागू होने के बाद ही समाप्त होगा। अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री डा०विक्रम सिंह ने कहा कि मोदी सरकार समझ रही है कि आन्दोलन केवल दिल्ली बोर्डर पर है,जबकि वास्तविकता यह है कि आज यह आन्दोलन कश्मीर से कन्या कुमारी तक फैल चुका है। उन्होंने प्रश्न किया कि जब पूरा देश कोरोना के खिलाफ संघर्ष कर रहा था। तब कौन सी आवश्यकता थी कि हडबडी में गैर संवैधानिक ढंग से तीनों कृषि कानूनों को देश पर थोपने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आज किसान ही नहीं,पत्रकारों,एक्टीविस्ट और काॅमेडियन तक से डरने लगी है। उत्तर प्रदेश किसान सभा के महामंत्री का०मुकुट सिंह यादव ने प्रदेश के बिगडते हालातों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार और उसके मुखिया योगी प्रदेश में लगातार माहौल खराब करना चाहते हैं। कानून व्यवस्था की हालत जर्जर हो चुकी है। रोजगार और उद्योग चैपट होने से बेरोजगारी बढ रही है। उन्होंने बढते निजीकरण को देश के लिए पुनः एक बार गुलामी में फंसने की साजिश बतलाया। सभा में पूर्व प्रधानाचार्य नाथूराम यादव,सन्तोष शाक्य, रामप्रकाश पोरवाल, जमादार सिंह,वीरेन्द्र सिंह यादव,रामदास,सुरेश सिंह, सुदेश कुमार,सोहित कुमार,रविन्द्र सिंह,आपेन्द्र कुमार,शिवराम सिंह, इन्द्रेश बाबू आदि ने भी सम्बोधित किया। अध्यक्षता लाल सिंह यादव एवं इन्द्रपाल के अध्यक्ष मण्डल एवं संचालन अनिल दीक्षित ने किया।

रिपोर्ट – विजयेन्द्र तिमोरी, संवाद सूत्र, भरथना इटावा।

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