यह नजारा देखिए और इस पुलिस अधिकारी की बेबसी और इनके दर्द की दास्तान को सुनिए …. यह इटावा के एसपी सिटी प्रशांत कुमार प्रसाद हैं यानी इटावा के नगर क्षेत्र के पुलिस अधीक्षक है और अपने एसएसपी से बातचीत करते हुए मायूसी और बेबसी में बता रहे हैं कि इनको पीटा गया है।
इनके शरीर पर खाकी है लेकिन अपने साथ भारी पुलिस बल होने के बावजूद इनके सीने में इतना साहस नहीं था कि नेताओं की शक्ल में आए दंगाइयों को सबक सिखा पाते ।
नेताओं का इतना सम्मान करते हैं कि नेताओं से ही उन्होंने थप्पड़ खा लिए और अब अपने एसएसपी साहब को बता रहे हैं कि इनकी ऑन ड्यूटी पिटाई हो गई है ।
दरअसल मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के इटावा में इतिहास करवट ले रहा है जहां गली-गली में समाजवादी डंका बजता था अब वहां भाजपा का भगवा कायम हो रहा है।
इटावा में बीजेपी का नया चरित्र देखने को मिला है नैतिकता और विनम्रता की बात करने वाली पार्टी इटावा के बीहड़ में समाजवादी दुर्ग को जीतने के लिए आक्रमक नजर आ रही है । इटावा में 3 में से 2 विधानसभा सीटें भाजपा के पास है लोकसभा की सीट भी भाजपा के पास है यानी इटावा पर काफी हद तक बीजेपी का कब्जा हो चुका है लेकिन पिछले दिनों जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में अखिलेश यादव के चचेरे भाई अंशुल यादव निर्विरोध निर्वाचित हो गए थे जिसके बाद यहां भाजपा की जमकर फजीहत हो रही थी इसीलिए भाजपा ने ब्लाक प्रमुख कि ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के लिए पूरा जोर लगा दिया है।
यह नजारा है बढ़पुरा ब्लॉक का जहां भाजपा के गणेश राजपूत और सपा के आनंद यादव में कांटे की टक्कर थी गणेश राजपूत चुनाव जीत गए लेकिन सपा और भाजपा के लोगों में तनातनी बढ़ी हुई थी आरोप है कि पुलिस ने वहां भाजपा के कार्यकर्ताओं को हटाने के लिए बल प्रयोग किया जिसके बाद भाजपाई भड़क गए और पथराव कर दिया पुलिस और भाजपाइयों के बीच हवाई फायरिंग की भी खबरें हैं और इसी बीच किसी ने एसपी सिटी प्रशांत कुमार प्रसाद को भी पीट दिया जबकि एसपी सिटी साहब खुद भी हथियारबंद थे और उनके साथ कई थानों की फोर्स और दर्जनों हथियारबंद पुलिसकर्मी थे लेकिन क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखना तो दूर वह अपनी भी सुरक्षा नहीं कर पाए । यह नजारा सभी के लिए तकलीफ देह है लेकिन बेहतर पोस्टिंग और मुनाफे के लालच में पुलिस वाले अपनी हिम्मत को गवा चुके हैं निर्दोषों को फर्जी मुकदमों में जेल भेज कर अपना नैतिक बल खो चुके हैं जिन हाथों को मजबूर लोगों से वसूली की आदत पड़ चुकी हो वह राजनैतिक गुंडों पर हथियार नहीं चला सकते।
यह वीडियो सोशल मीडिया की खिड़की से लाखों लोग देख चुके हैं जिसमें वह एसएसपी साहब को बता रहे हैं कि किस तरह राजनीतिक गुंडों ने उन्हें बेआबरू कर दिया एक खास बात यहां पर बताना जरूरी है कि जिस विमल भदौरिया का एसपी सिटी नाम ले रहे हैं और बता रहे हैं कि विमल भदौरिया के लोगों ने गुंडागर्दी की है वही विमल भदौरिया कुछ महीनों पहले तक समाजवादी पार्टी के बड़े नेता माने जाते थे सालों तक समाजवादी में रहे और अखिलेश यादव के करीबियों में गिने जाते थे लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा में सालों पुराना समाजवाद छोड़कर योगी की नेतृत्व वाली भाजपा में शामिल हो गए ।
भाजपा के विधायक का सरिता भदौरिया ने पुलिस प्रशासन पर सपाइयों के दबाव में काम करने का आरोप लगाया और यह भी कहा कि पुलिस अधिकारियों ने उनके साथ और भाजपा जिलाध्यक्ष के साथ बदसलूकी की मारपीट भी की ।
कुल मिलाकर यह दृश्य सभ्य समाज और लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है लेकिन इटावा जनपद ही नहीं देश और प्रदेश के तमाम हिस्सों में सत्तालाभ के संघर्षों में ऐसे नजारे अक्सर सामने आते रहते हैं, फर्क बस इतना है जो आज हमलावर है वह पहले पीड़ित थे जो आज पीड़ित है वह भी कभी हमलावर थे।
इटावा से दा इंडियन ओपिनियन के लिए राहुल तिवारी की रिपोर्ट