कश्मीर में बड़े आतंकी हमले में 40 से भी ज्यादा जवान हुए शहीद,50 सीआरपीएफ के जवान घायल, पीएम मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह की कार्यशैली पर उठे सवाल ,देश में नाराज़गी, ठोस कार्यवाही का दबाव..


देश की सुरक्षा आतंकवाद और नक्सलवाद को लेकर अक्सर कांग्रेस की आलोचना करने वाले भाजपा के बड़े नेताओं के दावों का खोखला पन उस समय उजागर हो गया जब कश्मीर के पुलवामा इलाके में सीआरपीएफ के जवानों के काफिले पर आतंकियों ने विस्फोटक भरी हुई कार लड़ा कर और ताबड़तोड़ गोलाबारी करके पिछले दो दशकों के सबसे खतरनाक हमले को अंजाम दियाl

इस कायराना वारदात में 40 से भी ज्यादा जवानों की दर्दनाक मौत हो गई है और 50 के करीब जवान घायल हो गए हैं l
घटना के बाद मौके पर बड़ी संख्या में जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना के जवानों ने इलाके को घेर लिया है और इस घटना में शामिल आतंकवादियों की सरगर्मी से तलाश की जा रही हैl

देश के सभी राजनीतिक दलों से जुड़े बड़े नेताओं ने इस घटना की कठोर शब्दों में निंदा करते हुए सरकार से ठोस कार्रवाई की मांग की है लेकिन इस घटना के बाद केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ भी बड़े सवाल खड़े हो रहे हैंl

कांग्रेस समेत कई दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के सुरक्षा रणनीतियों के दावे पर सवाल खड़े किए हैं l
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि आतंकवाद और देश की सुरक्षा को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले प्रधानमंत्री की कार्यशैली की हकीकत इस घटना के बाद उजागर हो गई है इतनी बड़ी संख्या में जवानों की हत्या के बाद भाजपा नेताओं के उन दावों की पोल खुल गई है जिनके मुताबिक भाजपा के नेता अक्सर कांग्रेस और दूसरे दलों पर आतंकवाद और नक्सलवाद को लेकर नरम रवैया अपनाने का आरोप लगाते हैंl

उरी में हुए आतंकी हमले के बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर भाजपा नेताओं ने बड़े-बड़े दावे किए थे और यह कहा गया था कि अब आतंकवादी ऐसे हमले करने की हिम्मत नहीं करेंगे lलेकिन कश्मीर में राज्यपाल शासन के बाद भी ऐसा बड़ा हमला होना अपने आप में केंद्र की सरकार और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की कथनी और करनी के फर्क को उजागर करता है l
इस घटना के बाद पूरे देश के मन में जबरदस्त अपमान और नाराजगी भरे सवाल खड़े हो रहे हैं l लोग केंद्र की सरकार से यह पूछ रहे हैं कि पिछले लगभग 5 वर्षों में देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए यदि वाकई में सार्थक काम किया गया था तो क्यों इतना बड़ा हमला हुआ ..और क्यों सैनिकों के परिवार आज खून के आंसू रो रहे हैं l

जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बयान से भाजपा की ओर फजीहत हो गई क्योंकि सत्यपाल मलिक ने इस हमले के बाद टीवी पर दिए गए बयान में कहा कि कश्मीर में भाजपा के सहयोग से चल रही महबूबा मुफ्ती की सरकार ने आतंकवाद को मजबूत करने में बड़ा योगदान दिया था lउन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि कश्मीर में भाजपा ने 3 साल से भी ज्यादा समय तक पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती के साथ मिलकर जो सरकार चलाई उस सरकार में आतंकवादियों को मजबूत किया गया और देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया गया l

इस घटना के बाद लोगों को यह लग रहा है की दूसरे दलों के साथ भाजपा भी अवसरवादी राजनीति करने में बिल्कुल भी अलग नहीं है l

आज लोगों के मन में केंद्र की सरकार को लेकर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं ..लोग सरकार से पूछ रहे हैं कि आखिर कब तक देश यूं ही अपमानित होता रहेगा
.. आखिर कब तक पुलिस सीआरपीएफ और सेना के जवान अपना खून बहाते रहेंगे ..आखिर कब तक जवानों के परिवारों के लोग अपना जीवन बर्बाद करके अपने आंसुओं से हमारे देश के नेताओं की संवेदनहीनता और कायरता की कहानियां लिखते रहेंगे …आखिर कब तक देश की आम जनता और देश के वीर जवान नेताओं के सत्ता लोभ और सियासी चाल बाजियों का शिकार होते रहेंगे ..आखिर कब वह दिन आएगा.. जब भारत के नेता ..जब भारत के प्रधानमंत्री गृहमंत्री और रक्षामंत्री मिलकर भारत के दुश्मनों को ऐसा सबक सिखाएंगे कि वह दोबारा भारत के खिलाफ कोई भी साजिश करने की हिम्मत न कर सकेl..

द इंडियन ओपिनियन टीम की ओर से देश के शहीद जवानों को शत-शत श्रद्धांजलि