कांग्रेस को याद आया राममंदिर! अयोध्या जमीन मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से कराने की मांग

बाराबंकी। श्रीराम मन्दिर देश की करोड़ों आवाम की आस्था का प्रतीक हैं। श्रीराम के भव्य मन्दिर के निर्माण को किसी भी प्रकार की आर्थिक और कानूनी अनियमितताओं की शंकाओं से दूर रखने के लिये आवश्यक हैं कि जमीन के सौदे में लगे भ्रष्टाचार की जांच सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी न्यायाधीश द्वारा करायी जायें।

उक्त मांग आज उत्तर प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के मध्य जोन के अध्यक्ष तनुज पुनिया, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मो. मोहसिन ने आज राम मन्दिर ट्रस्ट से सम्बन्धित जमीन सौदे में लगे भ्रष्टाचार की जांच सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से कराने के सम्बन्ध में देश के महामहिम राष्ट्रपति महोदय को जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित करने के पूर्व स्थानीय कचेहरी में जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन के दौरान की।

जिलाधिकारी कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मो. मोहसिन ने कहा कि भारतीय नागरिकों के आस्था के प्रतीक श्रीराम के भव्य मंदिर के लिये विभिन्न सामाजिक वर्ग के द्वारा दिये गये चन्दे से जमीन खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाये जा रहे हैं। इसलिये सम्पूर्ण प्रकरण की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में किया जाना आवश्यक हैं। इसलिये हम सभी कांग्रेस परिवार के सदस्य देश के महामहिम राष्ट्रपति से जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित कर यह अनुरोध करने आये हैं कि यह विषय भारतीय जनमानस की आस्था से जुड़ा हैं और आरोप गम्भीर हैं। इसलिये सही तथ्य जनता के सामने आयें। इसलिये महामहिम महोदय भूमि भ्रष्टाचार की जांच सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कराये जाने के निर्देश पारित करें।

कांग्रेस परिवार के द्वारा अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को महामहिम के नाम जो 8 सूत्रीय ज्ञापन प्रेषित किया हैं उसमें मुख्य रूप से दो करोड़ रू. में खरीदी गयी जमीन को आठ गुना मूल्य पर बैनामा करने, बैनामे में दर्ज गवाहों और विक्रय करने वालों के बीच क्या व्यापारिक या व्यक्तिगत रिश्तेदारी हैं, जिन लोगों ने इस भूमि की बिक्री ट्रस्ट को 18.5 करोड़ में की हैं उन्होंने प्राप्त राशि को किन खातों में स्थानान्तरित किया हैं, भूमि खरीद के लिये ट्रस्ट कार्य समिति की बैठक बुलाकर प्रस्ताव पास करवाने, जमीन का सर्किल रेट 5.80 करोड़ होने के बावजूद इतनी महंगी खरीद पर क्या किसी सदस्य ने आपत्ति जतायी, ट्रस्ट द्वारा खरीदी गयी जमीन के बैनामे में विगत वर्षों में करार किये गये समझौते के बिंदु के बारे में, जिस भूमि की खरीद की गयी हैं वह मन्दिर के प्रस्तावित स्थल से 2.5 किलोमीटर दूर हैं इस पर इतनी महंगी भूमि खरीद पर किसी सदस्य द्वारा आपत्ति की गयी या नही ऐसे महत्वपूर्ण बिन्दुओं को दर्शाते हुए समस्त प्रकरण की महामहिम द्वारा सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच कराये जाने का अनुरोध किया गया हैं।

ज्ञापन प्रेषित करने वालों में मुख्य रूप से कांग्रेस नगर अध्यक्ष राजेन्द्र वर्मा फोटोवाला, कांग्रेस प्रवक्ता सरजू शर्मा, इरफान कुरैशी, गौरी यादव, के.सी.श्रीवास्तव, आदर्श पटेल, शबनम वारिस, सत्यप्रकाश वर्मा, विशाल वर्मा, वीरेन्द्र प्रताप यादव, रमनलालद्विवेदी, देवेन्द्र प्रताप यादव, सिकन्दर अब्बास रिजवी, जय कुमार वर्मा, अतीक अहमद सद्दन, सना मुही, रामहरख रावत, मुइनुद्दीन अंसारी, रमेश कश्यप, मो. आरिफ, संजीव मिश्रा, अजीत वर्मा, नागेन्द्र बाजपेयी, धनंजय सिंह, सद्दाम हुसैन, अकील इदरीशी, नियाज वारिस, महेन्द्र पाल वर्मा, श्रीकान्त मिश्रा, रिंकू सोनी, मनोज कुमार, पंकज यादव, उत्तम रावत मौजूद रहे।

रिपोर्ट–सरदार परमजीत सिंह

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