रिपोर्ट – आनन्द मिश्रा,
लखनऊ रेंज के आईजी लक्ष्मी सिंह को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर के मामले में पुलिस अधिकारियों के मिलीभगत के जांच की जिम्मेदारी सौंपी है।
गौरतलब है कि कानपुर में पिछले दिनों गैंगस्टर विकास दुबे के साथ हुई मुठभेड़ में डीएसपी देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई जिसके बाद पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है।
इस मामले में कई पुलिसकर्मियों के मिलीभगत की बात सामने आ रही है कहा जा रहा है कि खाकी वर्दी में शामिल गद्दारों ने गैंगस्टर विकास दुबे को पहले ही बता दिया था कि पुलिस टीम उसकी गिरफ्तारी के लिए जा रही है और इसीलिए गैंगस्टर ने अपने बदमाशों को छतों पर तैनात कर दिया और छतों से अचानक हुई फायरिंग के चलते डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की दर्दनाक मौत हो गई।
इस मामले में कई अधिकारी सवालों के घेरे में है डीआईजी अनंत देव पर भी इस मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगा है ऐसे कई तथ्य सामने आए हैं जिनके आधार पर यह कहा जा रहा है कि अनंत देव के एसएसपी कानपुर रहते हुए विकास दुबे के करीबी भ्रष्ट थानेदारों सिपाहियों और अन्य लोगों को संरक्षण दिया गया।
भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के अपराधिक कनेक्शन को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले की जांच उत्तर प्रदेश की तेजतर्रार चर्चित महिला आईपीएस लक्ष्मी सिंह को सौंप दी है। लक्ष्मी सिंह इस समय राजधानी लखनऊ की आईजी हैं और उन्हें बहुत ईमानदार और तेजतर्रार अधिकारी माना जाता है।
यह माना जा रहा है कि लक्ष्मी सिंह इस मामले में परत दर परत गहराई से जांच करेंगे और खाकी वर्दी में छिपे अपराधियों के मददगार को बेनकाब करेंगे।
फिलहाल लक्ष्मी सिंह इस जांच के लिए कानपुर पहुंच गई हैं और इसी के साथ खाकी वर्दी की आड़ में छिपकर अपराधियों की मदद करने वालों की धड़कनें बढ़ रही है।