कोरोना और लॉक डाउन के बीच आरबीआई ने दी बड़ी राहत। पढ़िए कैसे बेहतर होगी आर्थिक स्थिति!

रिपोर्ट – अराधना शुक्ला

कोरोना वायरस के चलते भारत में  इस समय लॉक डाउन चल रहा हैं।इस बीच देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के लिए सरकार की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के मद्देनजर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा मौद्रिक नीति की बैठक में कुछ अहम फैसले लिए गए।

27 मार्च को हुई मौद्रिक नीति की बैठक के दौरान किए गए फैसलों को लेकर आरबीआई गवर्नर ने शुक्रवार दोपहर प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से केंद्रीय बैंक द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताया। इनमें सबसे प्रमुख  3.74 लाख करोड़ की मुद्रा का बाजार में प्रवाह जो इस समय देश की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

आरबीआई ने उम्मीद के मुताबिक रेपो रेट में 75 बीपीएस  पॉइंट की कटौती घोषणा की। इसके साथ ही रेपो रेट जो पहले 5.75 फ़ीसदी था, अब 4.4 फ़ीसदी पर आ गया है। रिवर्स रेपो में भी 90 बीपीएस पॉइंट की कटौती करते हुए इसे 4 फ़ीसदी पर कर दिया गया है। वही सीआरआर में भी 1 फ़ीसदी की कटौती की गई है जो अब 3 फ़ीसदी पर आ गया है ।

इस बैठक में 4 सदस्य बड़ी कटौती के पक्ष में थे, जिसके चलते ये फैसला किया गया। आरबीआई इसके पहले भी पांच बार दरों में कटौती कर चुका है। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए आरबीआई के द्वारा उठाए गए कदमों से अर्थव्यवस्था में 3.74 करोड रुपए की तरलता बढ़ने का अनुमान है।

लॉकडाउन के बीच आरबीआई ने किये 10 अहम फैसले-:

1.बैंकों को दिया 3 महीनें की ईएमआई पर राहत देने का सुझाव-:
आरबीआई ने रिटेल लोन की ईएमआई भरने पर 3 महीने का मोरटोरियम लगा दिया है। इसका मतलब यह होता है कि यदि आपका लोन चल रहा है तो उसे 3 महीने तक टाला जा सकता है। लेकिन  इसका मतलब ये कतई नहीं है कि 3 महीने की ईएमआई  माफ की जा रही है।मोरेटोरियम से आपका सिविल भी प्रभावित नहीं होगा। आरबीआई ने मोरटोरियम का फायदा एनबीएफसीएस को भी उपलब्ध करवाया है।रिजर्व बैंक ने पहले से चल रहे  सभी कमर्शियल, रूरल, सहकारी बैंकों से लिए गए लोन पर इसको प्रभावी करने की बात कही है।

2. रेपो रेट में 75 बीपीएस अंक की कटौती की गई है अब रिपोर्ट 4.4 फ़ीसदी पर आ गया है।

3. रिजर्व रेपो रेट में 90 फ़ीसदी अंकों की कटौती की  गई है अभी आचार फीसदी हो गया है।

4. कैश रिजर्व रेशियो यानी सीआरआर में 10 बीपीएस अंकों की कटौती की गई है।अब सीआरआर 3 फ़ीसदी हो गया है।

5. सीआरआर घटने से बाजार में 1.37 लाख करोड़ रुपए की पूंजी का प्रवाह होगा इससे बाजार में अधिक तरलता होगी।

6. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था में  मंदी का दौर चल रहा है।

7. विकास दर में भी कमी की आशंका-:
कोरोना वायरस के चलते ग्लोबल इकॉनमी पर इस समय गहरा दबाव है। इससे निपटने के लिए दुनियाभर के देश अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के हर संभव प्रयास में जुटे हुए हैं।

8. आरबीआई गवर्नर ने कहा इन सब से निवेशकों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है आपका फंड सुरक्षित है।

9. तेल की गिरती कीमतों से फायदा।
10. उन्होंने कहा कि वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए प्रयास जारी हैं।
आरबीआई द्वारा उठाए गए कदमों का प्रधानमंत्री मोदी ने स्वागत किया है। उन्होनें कहा, “हमारी अर्थव्यवस्था ने कोरोना वायरस से बचनें के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। आरबीआई  की घोषणाओं से तरलता में सुधार होगा, धन की लागत कम होगी, मध्यम वर्ग और व्यवसाय को मदद मिलेगी।” इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी आरबीआई के इन कदमों का स्वागत करते हुए कहा, “आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का बयान स्वागत योग्य है।भारतीय अर्थव्यवस्था की आर्थिक बुनियाद ठोस है और 2008-09 के  वैश्विक वित्तीय संकट के बाद की तुलना में और अधिक मजबूत हुआ है। वित्तीय स्थिरता पर आरबीआई गवर्नर का आश्वस्त करने वाला बयान सराहनीय है इएमआई के भुगतान पर  तीन महीनें की मोहलत और वर्किंग कैपिटल पर ब्याज जरुरी राहत देता है। घटे ब्याज दर पर त्वरित संचरण की जरूरत है।”

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