गाजियाबाद हादसे में 23 मौत, हिंदुओं के अंत्येष्टि स्थलों की उपेक्षा और दुर्दशा उजागर!

गाजियाबाद में एक व्यक्ति की अंत्येष्टि में शामिल होने गए लगभग 50 लोग अंत्येष्टि स्थल पर हुए भ्रष्टाचार का शिकार हो गए।

दरअसल अंत्येष्टि स्थल के निकट बनाए गए एक भवन की छत गिर जाने से लगभग 23 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और दो दर्जन लोग घायल हैं। इस घटना ने देश भर में हिंदुओं के अंत्येष्टि स्थलों की उपेक्षा और दुर्दशा की पोल खोल कर रख दी है ।

हिंदू हितों का दावा करने वाली पार्टियों के शासन में देश के ज्यादातर गांव और शहरी इलाकों में हिंदुओं के अंत्येष्टि स्थल की हालत बहुत खराब है। कहीं अंत्येष्टि स्थल सही रूप से विकसित नहीं हुए हैं तो कहीं अंत्येष्टि स्थलों पर सुरक्षित निर्माण आश्रय आदि की सुविधाएं नहीं हैं । इतना ही नहीं जिन अंत्येष्टि स्थलों पर थोड़ा बहुत निर्माण किया गया है वहां अधिकारियों और ठेकेदारों के भ्रष्टाचार के चलते गुणवत्ता बहुत खराब है।

इसी वजह से आज एक बड़ा हादसा उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हुआ जहां एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार के लिए लगभग 50 लोग पहुंचे थे और अंत्येष्टि स्थल पर बने एक हॉल के अंदर लगभग दो दर्जन लोग खड़े होकर मृत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे थे, इसी बीच उस हॉल की छत गिर पड़ी और सभी लोग छत के नीचे दब गए तमाम प्रयासों के बावजूद 23 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है और 2 दर्जन लोग घायल हैं ।

इस घटना पर देश के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शोक जताते हुए मामले में उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं और मृतकों को दो ₹200000 के मुआवजे की बात भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा की गई है, लेकिन बड़ा विषय यह है कि देश भर में हिंदुओं के ज्यादातर अंत्येष्टि स्थलों की हालत बहुत खराब है और वोट बैंक की राजनीति के चलते हिंदुओं के अंत्येष्टि स्थल ज्यादातर गांव और शहरों में आज भी उपेक्षित हैं बहुत से गांव में तो हिंदुओं के अंत्येष्टि स्थल स्पष्ट रूप से चिन्हित भी नहीं है!

रिपोर्ट – आलोक कुमार

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