गिरती अर्थव्यवस्था को उठाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने किए कई फैसले!

रिपोर्ट – अराधना शुक्ला

दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस की चपेट से भारत भी अछूता नहीं रहा है। लॉक डाउन के चलते कारोबार ठप पड़े हैं और अर्थव्यवस्था की हालत नाजुक है। ऐसे समय में रिजर्व बैंक की तरफ से राहत भरी खबर आई है। आरबीआई ने आज कई घोषणाएं की जिस से थोड़ी राहत मिली है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को हुई प्रेस वार्ता के माध्यम से जानकारी देते हुए कहा कि इस समय देश कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है। ऐसे में अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं।

अर्थव्यवस्था में पर्याप्त तरलता हो इसके लिए बाजार में नकदी का प्रवाह बना रहना आवश्यक है। आरबीआई नें रिवर्स रेपो रेट  में 25 अंकों की कटौती इसी उद्देश्य के साथ की है। जबकि रेपो रेट पहले जैसा ही है, उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके अलावा एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को राहत दी गई है।
आरबीआई की तरफ से की गई घोषणाओं में कहा गया है कि रिवर्स रेपो रेट में 25 फ़ीसदी की कटौती बैंकों को राहत देने के लिए की गई है जिससे बैंक ग्राहकों को आसानी से लोन दे सकेंगे। गौरतलब है कि 27 मार्च को रेपो रेट में 25 अंकों की कटौती की गई थी।


गवर्नर शक्तिकांत दास नें एनपीए नियमों में 90 दिन के राहत देने की बात भी कही है। इसके अलावा जो बड़े लोन हैं,जिनके डिफॉल्ट करने की गुंजाइश ज्यादा होती है, उनको 180 दिन का समय दिया जाएगा। इसके अलावा नाबार्ड को 25 हजार करोड़ रुपए, सिडबी को ₹15,000 तथा हाउसिंग फाइनेंस बैंक को 10,000 करोड रुपए देने का भी ऐलान किया गया है।


भारत की जीडीपी ग्रोथ जी-20 देशों से बेहतर


गवर्नर शक्तिकांत दास में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 1.9% की रफ्तार से आगे बढ़ने का अनुमान लगाया है साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि जी-20 देशों में भारत की जीडीपी की रफ्तार बेहतर है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के चलते दुनिया भर की अर्थव्यवस्था की हालत इस समय खराब चल रही है। ऐसे में भारत की आर्थिक वृद्धि दर उनसे बेहतर होना एक अच्छा संकेत कहा जा सकता है। गवर्नर ने यह भी कहा कि जब भारत में लॉक डाउन खत्म होगा और वायरस की वजह से हुए नुकसान की भरपाई हो जाएगी, तो एक बार फिर जीडीपी ग्रोथ रेट 7% से अधिक की रफ्तार से बढ़ेगी।


पर्याप्त विदेशी मुद्रा भण्डार।


लॉक डाउन के कारण भारत में आयात-निर्यात में भारी गिरावट देखने को मिली है। मार्च महीने में निर्यात जरूर कम हुआ है लेकिन अभी भी देश में 11 महीने के आयात के लिए विदेशी मुद्रा भंडार 776 अल अरब डॉलर मौजूद है। इस वक्त कच्चे तेल के दाम भी लगातार घटते जा रहे हैं, जिससे अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंचने की उम्मीद है।

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