प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में 144 ट्रेनी आईपीएस अधिकारियों से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए बात की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘आपकी सेवाएं देश के अलग-अलग जिलों में होगी, शहरों में होगी। इसलिए आपको एक मंत्र याद रखना है। फील्ड में रहते हुए आप जो भी फैसले लें, उसमें देशहित होना चाहिए, राष्ट्रीय परिपेक्ष्य होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि अपराध से निपटने में प्रयोग जरूरी है। आप जैसे युवाओं के कंधे पर बड़ी जिम्मेदारी है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ ही देश के गृहमंत्री अमित शाह और गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय भी मौजूद रहे।
पीएम मोदी ने कहा, ‘इस साल की 15 अगस्त की तारीख, अपने साथ आजादी की 75वीं वर्षगांठ लेकर आ रही है। बीते 75 सालों में भारत ने एक बेहतर पुलिस सेवा के निर्माण का प्रयास किया है। पुलिस ट्रेनिंग से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर में भी हाल के वर्षों में बहुत सुधार हुआ है। मेरा हर साल ये प्रयास रहता है कि आप जैसे युवा साथियों से बातचीत करूं। आपके विचारों को लगातार जानता रहूं। आपके विचार, सवाल, उत्सुकता, मेरे लिए भी भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सहायक होंगे।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमारे पुलिसकर्मियों ने, देशवासियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है। इस प्रयास में कई पुलिस कर्मियों को अपने प्राणों ही आहुति तक देनी पड़ी है। मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं और देश की तरफ से उनके परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं।’ उन्होंने कहा कि आपको हमेशा ये याद रखना है कि आप एक श्रेष्ठ भारत के भी ध्वजवाहक हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आप एक ऐसे समय पर करियर शुरू कर रहे हैं, जब भारत हर क्षेत्र, हर स्तर पर ट्रांसफार्मेशन के दौर से गुजर रहा है। आपके करियर के आने वाले 25 साल, भारत के विकास के भी सबसे अहम 25 साल होने वाले हैं। इसलिए आपकी तैयारी, आपकी मनोदशा, इसी बड़े लक्ष्य के अनुकूल होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बीते वर्षों में पुलिस फोर्स में बेटियों की भागीदारी को बढ़ाने का निरंतर प्रयास किया गया है। हमारी बेटियां पुलिस सेवा में दक्षता और जवाबदेही के साथ विनम्रता, सहजता और संवेदनशीलता के मूल्यों को सशक्त करती हैं।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘भूटान हो, नेपाल हो, मालदीव हो, मॉरीशस हो, हम सभी सिर्फ पड़ोसी ही नहीं हैं, बल्कि हमारी सोच और सामाजिक तानेबाने में भी बहुत समानता है। हम सभी सुख-दुख के साथी हैं। जब भी कोई आपदा आती है, विपत्ति आती है, तो सबसे पहले हम ही एक दूसरे की मदद करते हैं।’
रिपोर्ट – आर डी अवस्थी