“द इंडियन ओपिनियन” की खास बातचीत में सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने बताया कि षड़यंत्र के चलते बाराबंकी के पूर्व एसपी डॉ सतीश कुमार को निलंबित किया गया है.. क्या है पूरा मामला पढ़िए??

सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने शिखर श्रीवास्तव हत्याकांड में एसटीएफ के अधिकारियों द्वारा पूर्व एसपी बाराबंकी डॉ सतीश कुमार पर दवाब के संबंध में डीजीपी ओ पी सिंह को कल भेजी शिकायत के क्रम में आज डीजीपी को पुनः पत्र लिख कर डॉ सतीश कुमार द्वारा सौंपे गए ऑडियो सीडी की फोरेंसिक जाँच की मांग की है।

नूतन ने शिकायत में कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार दिनांक 21/02/2019 को आरोपित मृदुला आनंद की गिरफ़्तारी के बाद डॉ सतीश कुमार को आये धमकी भरे फोन पर दूसरी ओर अमिताभ यश, आईजी एसटीएफ की आवाज़ बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार इस पूरी बातचीत में मृदुला आनंद की गिरफ़्तारी पर काफी नाराजगी दिखाई गयी। जहाँ डॉ सतीश ने बार-बार हाई कोर्ट के कड़े आदेशों की बात की, वहीँ उन्हें “कर्मा रिटर्न्स” (अर्थात कर्म वापस आता है), “कर्मा तो बोलता है”, “तुम्हारी औकात देख लिए”, “ये तुम्हारी औकात में नहीं है” जैसी बात बार-बात कही गई है। जब डॉ सतीश कुमार ने कार्यवाही नहीं होने पर स्वयं एडीजी लॉ आर्डर को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने की बात कही तो उन्हें यह कहा गया कि यदि एडीजी लॉ आर्डर को कोर्ट में पेश होना ही पड़ जाता तो इससे क्या हो जाता।
जब डॉ सतीश ने कहा कि वे भविष्य में ध्यान रखेंगे तो उन्हें यह कहा गया कि वे भविष्य में ऐसी स्थिति में ही नहीं रहेंगे कि ध्यान रख सकें। यह भी कहा गया कि उस समय कोई उनसे साथ नहीं होगा। नूतन ने कहा है कि यदि इस मामले में आवाज़ के नमूने की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जाँच नहीं करायी गयी तो सही जाँच नहीं हो पायेगी तथा आरोपी अधिकारी को लाभ मिलेगा।