पहले जानिए आपके लिए क्या बदला?, इस बार बजट में।

विकास चंद्र अग्रवाल

नए टैक्स स्लैब के मुताबिक, 5 लाख से 7.5 लाख रुपये तक की सालाना आय वालों को अब 20 फीसदी के मुकाबले सिर्फ 10 फीसदी की दर से ही टैक्स चुकाना होगा. वहीं, जिनकी सालाना आय 7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपए तक है, उन्हें सिर्फ 15 फीसदी की दर से ही टैक्स भरना होगा. वित्त मंत्री का कहना है कि इस नए स्लैब में आने से 15 लाख की इनकम करने वालों को सालाना 78000 रुपए का फायदा हो सकता है।

लेकिन, पेच ये है कि…
इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव शर्तों के साथ किया गया है। नए बदलाव के तहत टैक्स में छूट लेने के लिए आपको निवेश पर मिलने वाली छूट को छोड़ना होगा। मतलब अभी तक आप बीमा, निवेश, मेडिकल, बच्चों की स्कूल फीस, HRA, 80C, 80CCC, 80D जैसे निवेश करके अपनी बचत करते थे और टैक्स छूट का भी फायदा लेते थे। लेकिन, नए स्लैब में ऐसा नहीं होगा। यहां आपकी इनकम पर सीधा टैक्स होगा। अगर छूट चाहिए तो टैक्स की पुरानी दर मान्य होगी। कुल 100 रियायतें में से छांटकर सिर्फ 30 को रखा गया। 70 रियायतों को पूरी खत्म कर दिया गया है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक, नया स्लैब पूरी तरह से वैकल्पिक होगा। अगर किसी टैक्सपेयर को इस नए स्लैब का फायदा लेना है तो उसे उन छूट का त्याग करना होगा, जो अभी तक मिलती आई हैं। अगर आप पहले बीमा, निवेश, घर का किराया, बच्चों की स्कूल फीस, सरकारी निवेश स्कीम जैसी कुल 70 छूट हैं, जिनपर मिलने वाली छूट को त्यागना होगा। अभी तक टैक्स भरते हुए इन सभी चीज़ों की जानकारी देने पर टैक्स में छूट मिलती थी।

तो आखिर टैक्सपेयर करे क्या?
बड़े-बड़े टैक्स एक्सपर्ट भी फिलहाल ये नहीं बता पा रहे हैं कि फायदे का सौदा क्या होगा। पुराने टैक्स ब्रैकेट में बने रहे या नई टैक्स व्यवस्था का हिस्सा बनना। ये जानने के लिए फिलहाल काफी गुणा-गणित करना होगा। दोनों ऑप्शन में ज्यादा बचत कहां हो रही है। नया स्लैब ये साफ इशारा कर रहा है कि सरकार बचत वाली व्यवस्था को बढ़ावा देने के मूड में नहीं है। क्योंकि, PPF, सुकन्या समृद्धि जैसी स्कीम में निवेश करेंगे तो अपने लिए, उस पर कोई टैक्स छूट नहीं मिलेगी। वित्त मंत्री ने ये ऐलान जरूर किया है कि अगर आप नए टैक्स स्लैब को चुनते हैं तो ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी कि आपको आईटीआर फाइल करने या टैक्स भरने के लिए किसी टैक्स एक्सपर्ट की मदद नहीं लेनी होगी। आपका स्लैब अपने कम्प्यूटर के जरिए फॉर्म में पहले से भरा होगा।

कौन सा विकल्प चुनें?
नए स्‍लैब के तहत 5 लाख से 7.5 लाख तक की इनकम पर 10 फीसदी, 7.5 लाख से 10 लाख तक पर 15 फीसदी, 10 लाख से 12.5 लाख पर 20 फीसदी, 12.5 लाख से ज्यादा 25 फीसदी, 15 लाख से ज्‍यादा 30 फीसदी टैक्‍स देना होगा। वहीं, दूसरे विकल्‍प में आप टैक्‍स की पुरानी व्‍यवस्‍था का चुनाव कर सकते हैं। इसके तहत 5 लाख तक की आय टैक्‍स मुक्‍त रहेगी, लेकिन, सालाना आय इससे ज्‍यादा होते ही 2.5 लाख तक की इनकम पर टैक्‍स नहीं देना होगा। बाकी इनकम पर टैक्‍स बचाने के लिए पहले की तरह निवेश के विकल्‍प मिलते रहेंगे। हालांकि, विकल्‍प चुनने के लिए आपको अपनी कंपनी को बताना होगा।

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