रिपोर्ट – दीपक मिश्रा
उत्तर प्रदेश का बेसिक शिक्षा विभाग अक्सर चर्चा में रहता है पिछली सरकारों में जहां बड़े पैमाने पर बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी कागजों के आधार पर अवैध नियुक्तियां हुई करोड़ों के घोटाले हुए तो इस सरकार में भी वह सिलसिला रुकता हुआ नहीं दिख रहा है।
हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार को लेकर काफी कठोर है और 100% ईमानदारी का दावा भी करते हैं लेकिन उनकी सरकार में भी तमाम ऐसे लोग काम कर रहे हैं जो उनकी ही मंशा पर पानी फेरते हैं यही वजह है कि बेसिक शिक्षा विभाग में ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि लोगों के पैरों तले जमीन खिसक जा रही है।
ताजा मामला अनामिका शुक्ला नाम की एक शिक्षिका से जुड़ा है जिसके बारे में यह शिकायत की गई है कि वह एक साथ 25 स्कूलों में नौकरी कर रही है और वेतन के रूप में करोड़ों की धनराशि सरकार से ले चुकी है। आरोपों में कितनी सच्चाई है या तो जांच के बाद ही पता चलेगा लेकिन फिलहाल एटा जनपद से इस कथित शिक्षिका को गिरफ्तार कर लिया गया है।
शिक्षिका एटा के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में विज्ञान पढ़ाती थी यह भी बताया जा रहा है कि यह शिक्षिका रायबरेली, प्रयागराज, अंबेडकरनगर समेत कई जनपदों में एक ही दस्तावेज के सहारे नौकरी कर रही है।
फिलहाल बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी मामले की जांच में जुटे हैं और पुलिस को भी मामले की जांच में लगाया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक विजय किरन आनंद ने मीडिया को बताया है कि अभी आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है मामले की जांच चल रही है जांच में जो भी तथ्य मिलेंगे उनके अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।