बाराबंकी: अखिल भारतीय किसान सभा ने कृषि बिल के विरोध में 9 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा।

बाराबंकी।देश की जन विरोधी केंद्र सरकार द्वारा देश के किसानों और कृषि को बर्बाद करने के लिए काले कृषि कानून 2020 लागू किए गए हैं जिसमें पूंजीपतियों व व्यापारियों के द्वारा किसानों को लूटने का लाइसेंस दे दिया गया है।आवश्यक वस्तु अधिनियम से अनाज दलहन,तिलहन,खाद्य तेल, आलू ,प्याज आदि बाहर हो जाने से एक ओर जहां किसानों को उत्पादन लागत का मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है तो दूसरी तरफ सरकार का व्यापारियों पर से नियंत्रण भी समाप्त हो गया है, वर्तमान में जनता आलू ₹40 ,अरहर दाल ₹120, प्याज ₹80 प्रति किलो लेने को मजबूर है ।प्रदेश में धान की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹1850 प्रति कुंतल निर्धारित है लेकिन सरकारी खरीद केंद्रों पर कहीं बोरी नहीं है कहीं धान नहीं हैं, और अगर किसानों को टोकन लेने के बाद धान की तौलने की नौबत भी आती है तो उसे साजिशन मानक के अनुरूप नहीं बताया जाता है। अन्य निजी क्रय केंद्र किसानों को धान का मूल्य ₹800 प्रति कुंतल बेचने के लिए मजबूर करते हैं ,प्रति बोरी कुल वजन में 1 किलो धरा मादा भी काट लेते हैं, प्रशासन द्वारा यह दावा किया जाता है कि 100 कुंतल तक धान की खरीद करने के लिए किसी भी सत्यापन की जरूरत नहीं है लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और ही है ,खरीद परचा भी नहीं दिया जाता है ।सरकारी समितियों पर रबी फसल के लिए बीज कीटनाशक,खाद भी उपलब्ध नहीं है किसान रबी की फसल बोने के लिए परेशान है ।

जिलाधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन देते हुए किसान सभा किसान सभा निम्नलिखित मांग की है –
1- लघु एवं सीमांत किसानों का धान सरकारी क्रय केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर 5 कुंतल तक बिना टोकन के और सत्यापन के खेतौनी देखकर खरीदा जाए और तुरंत भुगतान किया जाए ताकि रवि की बुवाई कर सके ,
2- निजी क्रय केंद्रों पर भी धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद पर सुनिश्चित की जाए और मौके पर छापेमारी कर किसानों का शोषण रोका जाए,
3- सभी सरकारी और सहकारी समितियों पर खाद,बीज, कीटनाशक ,आदि की उपलब्धता, गुणवत्ता व मूल्य नियंत्रण सुनिश्चित किया जाए ,
4- यह सुनिश्चित किया जाए कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कोई खरीद ना हो ,दोषियों को दंडित किया जाए,
5- पिछले साल में ओलावृष्टि द्वारा रवि की फसल के नुकसान की भरपाई लाभकारी मूल्य से की जाए ,
6- छुट्टा जानवरों को पकड़कर गौ आश्रय स्थल में बंद किया जाए, टैग लगे जानवर बाहर घूमते हुए पाए जाने पर इलाके के आश्रय स्थल प्रभारी पर मुकदमा कायम किया जाए ,
7- कोरोना काल के बिजली बिल माफ किये जाये,
8-कोरोना काल में बिजली बिल सहित सभी वसूली तुरंत बंद की जाए,
9- नहरों में टेल तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था की जाए ।।

उक्त ज्ञापन देने में रणधीर सिंह “सुमन” राज्य परिषद सदस्य भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भारतीय ,कम्युनिस्ट पार्टी जिला सचिव बृजमोहन वर्मा ,भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सहसचिव शिवदशन ,अखिल भारतीय किसान सभा अध्यक्ष-विनय कुमार सिंह, अखिल भारतीय किसान सभा उपाध्यक्ष प्रवीण कुमार ,अखिल भारतीय किसान सभा महामंत्री वीरेंद्र, तहसील अध्यक्ष फतेहपुर अंकुर वर्मा, तहसील उपाध्यक्ष फतेहपुर श्याम सिंह ,राजकुमार वर्मा ,वीरेंद्र कुमार,शैलेंद्र मिश्रा,भूपेंद्र प्रताप सिंह दीपक शर्मा,प्रतीक शुक्ला,राहुल पांडे,महेंद्र यादव, आशीष शुक्ला,आशीष वर्मा, संदीप तिवारी,अंकित यादव,अनुपम वर्मा शामिल रहे।

रिपोर्ट–सरदार परमजीत सिंह

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *