बाराबंकी: सीडीओ कार्यालय से रिटायर हुए जनपद के प्रसिद्ध साहित्यकार मूसा ख़ान ‘अशांत’ ने एक बार फिर बाराबंकी की साहित्यिक उर्वरता को प्रमाणित कर जनपद का नाम रोशन किया है। महाराष्ट्र के अमरावती स्थित अखिल हिन्दी साहित्य सभा द्वारा इकत्तीस हजार की पुरस्कार-धनराशि सहित “अहिसास जीवन गौरव सम्मान” प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया गया है।
दीर्घकालिक साहित्य सेवा के लिए दिया जाने वाला यह राष्ट्रीय पुरस्कार मूसा जी के साथ दो प्रवासी भारतीयों को भी प्रदान किया गया है। वैसे तो यह आयोजन 22 फरवरी को होना था किंतु कोविड संक्रमण के चलते स्थगित हो गया था जो कि अब ऑनलाइन सम्पन्न हुआ है। इससे पूर्व भी 2018 में राज्यपाल जी के द्वारा मूसा जी को साहित्यिक सेवा हेतु भगवती चरण वर्मा पुरस्कार, एक लाख रुपये की धनराशि सहित प्रशस्ति-पत्र प्राप्त हो चुका है।
नाटकों, कहानियों की लगभग एक दर्जन पुस्तकों के रचनाकार, गजलकार मूसा जी बताते हैं कि पुरस्कार धनराशि खाते में आ गयी है और प्रशस्ति-पत्र डाक से प्राप्त होगा। मूसा जी ने संस्था के प्रति आभार व्यक्त करते हुए हिन्दी सेवा के लिए पदाधिकारियो को अभिवादन बोला है।
पुरस्कार मिलने की सूचना पर बाराबंकी के साहित्यकारों में प्रसन्नता और गौरव की अनुभूति जगी है। हर कोई मूसा के साहित्यिक उपलब्धियों पर नाज व्यक्त कर रहा है। डॉ विनयदास, डॉ राम बहादुर मिश्र, राम किशोर तिवारी, अम्बरीष अम्बर, प्रदीप सारंग, अनिल श्रीवास्तव लल्लू, आदर्श गुलसिया किरण भारद्वाज सहित अनेक साहित्यकारों ने बधाई दी है।
रिपोर्ट- नितेश मिश्रा