बाराबंकी: धरती से मिट्टी लूटने वालों के खिलाफ डीएम एसपी का अभियान, लखनऊ के माफिया पर कसा शिकंजा!

प्रशासन की बड़ी कार्यवाही!

बाराबंकी के जिला अधिकारी डॉ आदर्श और पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी कोरोना महामारी के इस कठिन दौर में भी सभी मोर्चों पर बेहतर प्रदर्शन करने में सफल हो रहे हैं।

बाराबंकी जनपद पिछले दो दशकों से खनन माफियाओं के निशाने पर रहा है राजधानी लखनऊ के साथ-साथ बाराबंकी में तेजी से हो रहे शहरीकरण और भवन निर्माण के कार्यों के चलते मिट्टी की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है और बिल्डिंग प्रोजेक्ट में मिट्टी की सप्लाई विधिक तरीके से करने की  बजाए तमाम खनन माफिया गैर कानूनी तरीके से इस धंधे में लंबे समय से सक्रिय हैं।

ऐसे खनन माफियाओं ने पुलिस प्रशासन और सत्ताधारी पार्टियों मैं अपने मजबूत गठजोड़ के दम पर अरबों की संपदा भी बनाई है कुछ ही वर्षों में दर्जनों जेसीबी मशीनें सैकड़ों डंपर और ट्रक के अपने कारवां में शामिल की हैं जिसे यह अंदाजा लगाया जा सकता है की भारी मुनाफे वाले इस धंधे की जड़े कितनी मजबूत है।

बाराबंकी जनपद में पिछले दो दशकों से बेरोकटोक चल रहे इस काले कारोबार पर बाराबंकी के जिला अधिकारी डॉ आदर्श सिंह और पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी ने बड़ा प्रहार किया है।

पिछले ही दिनों पुलिस ने साहस दिखाते हुए चर्चित खनन माफिया विनोद यादव के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की और 2 दिन पहले लखनऊ के चर्चित खनन माफिया राजेंद्र यादव के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करते हुए दो डंपर और एक सफारी गाड़ी को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया और मुकदमा दर्ज करके अभियुक्तों को न्यायालय के सामने पेश किया।


यह अभियुक्त जितने इलाके का खनन अनुज्ञा पत्र प्राप्त करते थे उससे कई गुना ज्यादा खुदाई कर लेते थे। सतरिख थाना क्षेत्र के कई गांव में ऐसे अभियुक्तों ने खतरनाक तालाब बना दिए हैं सड़कों के किनारे और ग्राम सभा की जमीनों को भी बर्बाद कर सरकार को भारी नुकसान पहुंचाया है।

टिकैतनगर इलाके में भी पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पंकज दीक्षित और भवानी दीक्षित नाम के दो अभियुक्तों को ट्रैक्टर ट्रॉली सालों समेत खनन करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

छोटा-मोटा खनन काम करने का काम करने वालों के अलावा लखनऊ और बाराबंकी के बीच लगभग एक दर्जन बड़े खनन माफिया सक्रिय हैं जो करोड़ों अरबों का काला कारोबार करते हैं और जिनके नेटवर्क में तहसील थानों और सत्ताधारी पार्टियों के लोग भी हिस्सेदार हैं। जरूरत इस बात की है कि ऐसे लोगों को संरक्षण देने वाले सफेदपोशओं को भी कानून के दायरे में लाया जाए ऐसे लोगों के साथ काले कारोबार में हिस्सेदारी करने वाले सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों पर भी  कानूनी कार्यवाही की जाए।

फिलहाल बाराबंकी के प्रशासन ने इस दिशा में ठोस कार्रवाई शुरू कर दी है और खनन के क्षेत्र में अनुशासन का संदेश देने का प्रयास किया है।

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