भारतीय महिला टीम ने रचा इतिहास, ऑस्ट्रेलिया को हराकर सेमीफाइनल में बनाई जगह।

भारतीय महिला हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचा दिया है। दुनिया की नौवें नंबर की टीम ने क्वार्टर फाइनल में तीन बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर पहली बार सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की की। भारत की तरफ से इस अहम मुकाबले में एकमात्र गोल गुरजीत कौर ने 22वें मिनट में किया। कप्तान रानी रामपाल की अगुवाई में इस ऐतिहासिक जीत के बाद सोशल मीडिया पर टीम को जमकर बधाइयां मिल रही हैं। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और पूर्व खेल मंत्री किरण रिजिजू ने टीम की तारीफ की है।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, हॉकी की हमारी दोनों ही टीमों ने शानदार प्रदर्शन किया है, उसके लिए दोनों टीमों को बधाई। पी वी सिंधु ने कांस्य पदक जीता और उससे पहले मीराबाई चानू ने पदक जीता व लवलीना ने शानदार प्रदर्शन किया। मुझे खुशी है कि भारत की बेटियों ने अब तक दो मेडल जीते हैं।’ 

भारत की टीम मैच की शुरुआत से ही कंगारू टीम पर हावी नजर आई और एक के बाद गोल के मौके बनाए। टीम की ओर से मुकाबले के 22वें मिनट में गुरजीत कौर के हाथों सफलता लगी। गुरजीत ने पेनल्टी कॉर्नर पर मैच का पहला और एकमात्र गोल दागा। टीम इंडिया की गोलकीपर सविता ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और ऑस्ट्रेलिया टीम के गोल करने के कई प्रयासों को विफल किया। भारतीय टीम मास्को ओलंपिक 1980 में चौथे स्थान पर रही थी लेकिन केवल छह टीमों ने हिस्सा लिया था और मैच राउंड रोबिन आधार पर खेले गये थे। भारतीय हॉकी टीम अपने पूल में साउथ अफ्रीका को आयरलैंड जैसी मजबूत टीमों को हराकर चौथे स्थान पर रही थी, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने अपने पूल में टॉप पर रहते हुए क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी। 
पूर्व खेल मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, ‘ आज भारत के लिए बहुत बड़ा दिन है। हमारी महिला और पुरुष हॉकी टीम का ओलंपिक सेमीफाइनल में पहुंचना ही अपने आप में इतिहास रचना है। 49 साल बाद भारत ओलंपिक में सेमीफाइनल खेल रहा है।’

जापान की राजधानी टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक खेलों में भारतीय महिला हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है। टीम ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर पहली बार सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। भारत की तरफ से एकमात्र गोल गुरजीत कौर ने दागा। भारतीय टीम पूरे मैच में कंगारू टीम पर हावी रही और लगातार अटैकिंग गेम को जारी रखा। कप्तान रानी रामपाल की अगुवाई में भारतीय टीम ने 41 साल में पहली बार ओलंपिक खेलों के क्वार्टर फाइनल में अपना जगह बनाई थी। 
भारतीय महिला हॉकी टीम ने दक्षिण अफ्रीका पर 4-3 की जीत और बाद में मौजूदा चैंपियन ग्रेट ब्रिटेन की आयरलैंड पर 2-0 की विजय से शनिवार को 41 वर्षों में पहली बार ओलंपिक खेलों के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया था। साउथ अफ्रीका के खिलाफ टीम की खिलाड़ी वंदना कटारिया ने जबरदस्त खेल दिखाते हुए लगातार तीन गोल दागकर टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। वंदना ओलंपिक में भारत की तरफ से गोलों की हैट्रिक लगाने वाली पहली खिलाड़ी भी बनीं थीं। हॉकी टीम की फॉर्म को देखते हुए फैन्स सेमीफाइनल में भी इस टीम से दमदार प्रदर्शन की उम्मीद करेंगे।

रविवार को भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराकर 49 साल बाद ओलंपिक खेलों के सेमीफाइनल का टिकट कटाया। टीम की ओर से से दिलप्रीत सिंह ने 7वें, गुरजंत सिंह ने 16वें  और हार्दिक सिंह ने 57वें मिनट में गोल किया। वहीं, बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने इतिहास रचते हुए लगातार दूसरे ओलंपिक में मेडल अपने नाम किया. सिंधु ने चीन की ही बिंग जियाओ को सीधे गेम में 21-13, 21-15 से मात देकर ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया। 
भारतीय महिला हॉकी के लिए हर दिन नित नए सितारे चमक रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका से हुए मुकाबले में वंदना कटारिया ने सुर्खियां बटोरी थी तो आज गोलकीपर सविता पुनिया ने बता दिया कि वह है महिला हॉकी की दीवार।

अक्सर हॉकी और फुटबॉल जैसे खेल में फॉर्वर्ड खेल रहे खिलाड़ियों का ही बोल बाला रहता है। कल ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ खेले गए मैच में भारत के श्रीजेश ने शानदार डिफेंस दिखाया लेकिन आज सविता पुनिया ने एक नहीं 2 नहीं ऑस्ट्रेलिया के पूरे 7 पेनल्टी कॉर्नर विफल कर दिए।
खासकर गोलकीपर सविता पुनिया के लिए मैच के अंतिम क्षण बहुत मुश्किल रहे जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के सिलसिलेवार हमले को रोका।
पहले तो उन्होंने बाएं घुटने से गेंद को रोका इसके बाद ऑस्ट्रेलिया को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला क्योंकि भारतीय खिलाड़ी ने खतरनाक तरीके से टैकल किया था।

इसके बाद तो सविता पुनिया ने और जबरदस्त प्रदर्शन किया ऑस्ट्रेलिया ने इस बार रणनीति बदली और सीधे गेंद को ना फेंक कर दाएं तरफ की खिलाड़ी को गेंद दी। यहां पर जब खिलाड़ी ने गोल दागना चाहा, सविता ने गेंद अपने पंजे से कलात्मक तरीके से दबाए रखी। इसके बाद गेंद भारत को मिल गई।
सविता पुनिया ने 7 पेनल्टी कॉर्नर में से संभवत 5 अपने गोल अपने दम पर रोके हैं। इस कारण उनकी सोशल मीडिया पर भूरी भूरी प्रशंसा भी हो रही है।
इसके अलावा दो मैदानी गोल भी सविता पुनिया ने रोके, ऐसे में देखा जाए तो उनके डी में रहते हुए कुल 9 प्रयोसों में से एक भी बार गेंद गोल पोस्ट में नहीं जा पायी। टोक्यो ओलंपिक के सेमी फाइनल मेँ अब भारतीय महिला हॉकी टीम
का सामना अर्जेंटीना से होगा। इस मैच में भी सविता पुनिया से काफी उम्मीदें रहेंगी क्योंकि अर्जेंटीना की टीम आक्रमक खेले के लिए जानी जाती है।

 रिपोर्ट – आर डी अवस्थी

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