कश्मीर का बड़ा हिस्सा कई दशकों से पाकिस्तान के कब्जे में है जिसे पीओके पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर कहा जाता है । स्वतंत्रता के बाद जब कश्मीर का विलय भारत में हुआ तो यह हिस्सा भारत में था लेकिन पाकिस्तान की ओर से हुए हमले में pok हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में चला गया ।
कहा जाता है कि तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्रियों की लापरवाही की वजह से भारत का काफी हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में चला गया जबकि 1948 1965 और 1971 के युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी फिर भी समझौते की टेबल पर सरकार ने लापरवाही दिखाई और भारतीय सेना की विजय को व्यर्थ कर दिया और भारत की कब्जाई हुई भूमि जीत के बावजूद तत्कालीन प्रधानमंत्री वापस नहीं ले पाए।
इस मुद्दे पर हमने सेना के रिटायर्ड कैप्टन शिव करण सिंह से बात की जो कि पाकिस्तान के मोर्चे पर लंबे समय तक तैनात रहे और उन्होंने युद्ध में भी हिस्सा लिया कैप्टन शिवकरण सिंह के मुताबिक भारतीय सेना ने अपनी बहादुरी से पाकिस्तान को सभी युद्ध में हराया और एक बार तो भारत की सेना लाहौर तक पहुंच गई थी बांग्लादेश जिसे पूर्वी पाकिस्तान भी कहा जाता है उसे भी भारतीय सेना ने पूरी तरह विजय कर लिया था और अपने कब्जे में ले लिया था लेकिन यह भारत सरकार की लापरवाही थी कि हमने जीते हुए क्षेत्रों को भी पाकिस्तान को वापस कर दिया और उस क्षेत्र को भी वापस नहीं लिया जिस पर पाकिस्तान ने लंबे समय से अवैध कब्जा कर रखा था।
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर लगभग 13000 वर्ग किलोमीटर का एक बहुत बड़ा क्षेत्र है जिसमें करोड़ों की जनसंख्या का निवास और भरण पोषण सुविधाजनक रूप से हो सकता है इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्राकृतिक संसाधन भी हैं जिस का दोहन पाकिस्तान अवैध रूप से कर रहा है लेकिन भारतीय प्रधानमंत्रियों की लापरवाही की वजह से कई युद्ध जीतने के बाद भी हम इस क्षेत्र को वापस नहीं ले पाए।
कैप्टन शिवकरण सिंह कहते हैं कि बांग्लादेश का निर्माण भारत के सैनिकों के बलिदान से हुआ पूर्वी पाकिस्तान पर पूरी तरह से भारत की सेना ने कब्जा कर लिया था हम चाहते हो तो वह क्षेत्र हमारी भूभाग का हिस्सा बन जाता क्योंकि पहले वह भारत का ही हिस्सा था जनता भी भारत के साथ रहना चाहती थी और वहां के नेताओं पर भी हमारा प्रभाव था क्योंकि हमारी सेना ने ही उनकी सुरक्षा के लिए युद्ध लड़ा और युद्ध जीता फिर भी हमारे देश के नेता पूर्वी पाकिस्तान को भारत का हिस्सा नहीं बना पाए।
भारतीय फौजियों को आज भी इस बात का दुख है कि 100000 पाकिस्तानियों को बंदी बना कर भी हम अपना अपने देश का छीना हुआ हजारों वर्ग किलोमीटर भूभाग वापस नहीं ले पाए।
इंटरनेशनल डेस्क:
द इंडियन ओपिनियन