भारत को झुका पाने में नाकाम चीन, सीमा पर बना रहा है बड़े सैन्य अड्डे, हाईटेक नेटवर्क!

दुश्मन चीन और भारत के बीच तनाव की स्थिति कम होने का नाम नहीं ले रही है। भले ही दोनों देशों के मध्य विदेश मंत्री स्तर की वार्ता हो चुकी हो पर ड्रैगन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। वह लगातार सीमा पर विवाद को सुलझाने की बजाय इसे और हवा देने में लगा हुआ है।

चीन पूर्वी लद्दाख के समीप ऑप्टिकल केबल फाइबर बिछाने के उद्देश्य से लंबी दूरी तक खुदाई कर रहा है।
पिछले दिनों दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मॉस्को में बैठक हुई। इस बैठक में कयास लगाए जा रहे थे कि सीमा पर तनाव की स्थिति को कम करने की दिशा में सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। लेकिन हैरानी की बात है कि जब दोनों देशों के बीच तनाव कम करने को लेकर बातचीत चल रही थी उसी दौरान चीनी सैनिक सीमा के नजदीक ऑप्टिकल फाइबर बिछाने के कार्य में जुटे हुए थे। चीन की इस हरकत का खुलासा भारत के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने किया है।


अधिकारियों ने बताया हमारी चिंता यह है कि वे झील के दक्षिणी हिस्से में केवल लाइन बिछाने का काम तेजी से कर रहे हैं चीनी सैनिकों ने महीने भर पहले झील के उत्तरी भाग में भी इसी तरह की केबल बिछाई थी पी एल ए की इन हरकतों को सैटेलाइट तस्वीरों में देखा गया था तस्वीरों में पंगु झील के दक्षिणी हिस्से की रेत वाली जगहों पर असमान लकीरें नजर आए जिसके बाद अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है।

●लंबे समय तक रुकना चाहता है ड्रैगन
अधिकारियों का कहना है चीन की मंशा सीमा पर लंबे समय तक रुकनें की है तभी वह इस प्रकार के निर्माण कार्य कर रहा है और चीनी सेना अपना संचार तंत्र मजबूत करने के इरादे से ऑप्टिकल फाइबर केबल का जाल बिछा रही है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक इस तरह के केबल नेटवर्क का निर्माण पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी हिस्से में भी देखा गया है।

●ऑप्टिकल फाइबर संचार के दृष्टिकोण से काफी अहम
चीन, लद्दाख के निकट ऑप्टिकल फाइबर का जाल सैनिकों के बीच बेहतर संचार स्थापित करनें के उद्देश्य से कर रहा है।
भारत अभी भी रेडियो संचार के माध्यम का ही उपयोग कर रहा है। इसमें बातचीत करना बहुत सुरक्षित नहीं है। इसे आसानी से सुना जा सकता है और इसका डेटा भी हैक किया जा सकता है। जबकि ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से कोई कोड या फोटो सुरक्षित तरीके से भेजी जा सकती है और इसे आसानी से पकड़ा भी नहीं जा सकता।

●सीमा पर तनाव की स्थिति बरकरार
दोनों देशों के मध्य गलवान घाटी से शुरू हुआ सैनिक गतिरोध अब बढ़ता ही जा रहा है। अब तक कई बार बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई निर्णायक फैसला सामनें नहीं आया है। किसी भी तरह की स्थिति से निपटनें के लिए दोनों देशों नें सीमा के निकट टैंकों, युद्धक विमानों की तैनाती कर दी है।

●चार दशक बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चली थी गोली
पिछले सप्ताह सोमवार को ही एलएसी पर गोली चलनें की घटना सामनें आई थी। पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे पर चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी जिसे भारतीय सैनिकों नें नाकाम कर दिया था। सैनिकों ने पहले चेतावनी दी, लेकिन चीनी सैनिक रुकने के बजाय फायरिंग करनें लगे। इस पर भारतीय सैनिकों ने भी जवाबी फायरिंग की।
चीन के ग्लोबल टाइम्स अखबार नें चीनी सेना के प्रवक्ता के हवाले से दावा किया है कि भारतीय सैनिक एलएसी को पार कर पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित शेनपाओ पहाड़ी के इलाके में घुस रहे थे। अखबार ने यह भी कहा कि चीनी सैनिकों ने जब उन्हें रोका तो भारतीय सैनिकों की तरफ से फायरिंग की गई। इसके बाद चीनी सैनिकों ने भी फायरिंग की।

रिपोर्ट – आराधना शुक्ला

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