कुछ घंटों की बारिश ने राजधानी लखनऊ समेत कई जनपदों में सरकारी विभागों की कार्यशैली के भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है।
सबसे ज्यादा नाराजगी लोगों में नगर विकास विभाग के कार्यशैली को लेकर है हर साल नाला नाली के निर्माण जल निकासी और सफाई की व्यवस्थाओं पर अरबों रुपए खर्च करने वाले नगर निगम नगर पालिकाओं की कार्यशैली कुछ ही घंटों की बारिश में उजागर हो गई हैl
राजधानी लखनऊ के कई इलाकों से तमाम ऐसी तस्वीरें वायरल हो रही है जो यह दिखा रही है कि नगर निगम ने अपने धर्म को ईमानदारी से नहीं निभाया कई जहां सड़कें बुरी तरह फंस गई हैं नाले नाली ओवरफ्लो कर रहे हैं पानी सड़कों के ऊपर बह रहा है गाड़ियां डूब रही हैं खराब हो रही हैं लोगों के घरों में पानी घुस रहा है ।
खुद नगर निगम में भी पानी घुसने की एक तस्वीर वायरल हो रही है यानी यह साफ है कि जल निकासी के कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है नाला नाली के निर्माण ड्रेनेज और सीवेज डेवलप करने में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है यदि यह कार्य इमानदारी से हुए होते तो मात्र कुछ घंटों की बारिश में ही राजधानी लखनऊ और आसपास के कई जनपदों का ऐसा बुरा हाल ना होता ।
जाहिर सी बात है कि लखनऊ नगर निगम और तमाम नगर पालिका व नगर पंचायतों में बड़ी बेशर्मी के साथ भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है यही वजह है कि कुछ ही घंटों की बारिश में सब कुछ जलमग्न दिखाई पड़ने लगा है ।
जबकि लोगों का कहना है कि अब बारिश कम होती है पहले कई दिनों तक लगातार बारिश होती थी लंबे समय बाद इस तरह की बारिश हुई है फिर भी यह सामान्य है असामान्य नहीं है यानी सामान्य वर्षा के लिए भी नगर विकास विभाग की अवस्थाएं तैयार नहीं है जबकि शहरों में करोड़ों अरबों रुपए की लागत से पक्के आरसीसी नाले बनाए जा रहे हैं और बहुत से बनाए जा चुके हैं ।
लखनऊ नगर निगम में भ्रष्टाचार और अनियमितताएं के तो बहुत से शिकायतें हो चुकी हैं यही हाल प्रदेश के ज्यादातर स्थानीय निकायों का है नगर विकास विभाग में भ्रष्टाचार कमीशन खोरी घटिया निर्माण की बातें मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच चुकी हैं।
लेकिन भ्रष्टाचारियों के संपर्क इतने मजबूत है ऊपर से नीचे तक जैसा चाहते हैं वैसा ही होता है और इसी की सजा मामूली बारिश में भुगतना जनता की नियति बन चुकी है।
सरकारी नियमों के मुताबिक मानसून के पूर्वी सभी नाली नालों की व्यापक सफाई और मरम्मत के लिए बजट दिया जाता है लेकिन धरातल पर कम कागजों पर ज्यादा काम करके बजट को हजम करने की अधिकारियों और ठेकेदारों की पुरानी आदत की वजह से जनता अक्सर ऐसी मुसीबतें झेलती है ।
इन आरोपों पर बात करने के लिए नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन निदेशक नगर विकास और नगर आयुक्त लखनऊ के मोबाइल नंबर पर कई बार प्रयास किया गया परंतु किसी के द्वारा फोन नहीं उठाया गया ना ही कॉल बैक किया गया।
ब्यूरो रिपोर्ट , द इंडियन ओपिनियन, लखनऊ