रिपोर्ट – कार्तिकेय पांडे
महराजगंज: दिल्ली से रिक्शा पर पत्नी और दो बच्चों को बैठाकर युवक जिले के पनियरा थाना क्षेत्र के ग्राम सभा मोहद्दीनपुर में पहुंचा। 900 सौ किमी दूरी तय करके पहुंचे इस युवक के पास यहां न रहने का ठिकाना है और न खाने पीने की व्यवस्था। सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं से कोसों दूर इस युवक के लिए अब परिवार का भरण पोषण करना भी चिंता का विषय बना हुआ है।
6 दिन यात्रा कर पहुंचा युवक अपने गाँव
बलराम सहानी दिल्ली में कबाड़ी का काम कर रहा था, 6 दिन यात्रा करने के बाद उम्मीद के साथ पहुंचा की उसे गांव में पहुंचने के बाद भरण पोषण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सभी सुविधाएं मिल जाएंगी। लेकिन यहां आने के बाद उसे भरण पोषण के लिए कोटे की राशन के बाद कुछ भी नहीं मिला। 10 साल से दिल्ली में रह रहा था युवक बलराम सहानी ने बताया कि वह दिल्ली में लगभग 10 साल रह कर परिवार का भरण पोषण के लिए कबाड़ी का काम कर रहा था।
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार द्वारा लाॅकडाउन किया गया तो सारे काम धंधे बन्द हो गए। खाने पीने की समस्या उत्पन्न हुआ तो जिस रिक्शा से वह कबाड़ ढो रहा था उस पर ही पत्नी और दो बच्चों को बैठा कर घर चल दिया। कोरोना से पहले भूखमरी से तोड़ देंगे दम बलराम सहानी जैसे तमाम लोग काम धंधा बन्द हो होने से दाने-दाने के लिए मोहताज हो गए हैं, लेकिन उन तक सरकार की एक भी राहत सामग्री नहीं पहुंच पार रही है। ऐसे में उनके परिवार का इस लाॅकडाउन के दौरान भरण पोषण कैसे होगा, यह चिंता का विषय बना हुआ है। इस विषम परिस्थिति में सरकार द्वारा समय रहते ऐसे प्रवासी दैनिक मजदूरों को चिन्हित कर राहत सामग्री नहीं पहुंचाया गया तो कोरोना से पहले भूखमरी से दम तोड़ देंगे।