मुश्किल दौर में भी चीन की अर्थव्यवस्था में वृद्धि! भारत को भी आर्थिक नीतियों में सुधार की जरूरत।

रिपोर्ट – आराधना शुक्ला,

एक तरफ जहां दुनिया कोरोना महामारी के बीच गिरती हुई अर्थव्यवस्था से परेशान है तो वहीं चीन की अर्थव्यवस्था नें 3.2% की आर्थिक वृद्धि दर्ज हासिल कर ली है। यह वृद्धि दर कई मायनों में अहम मानी जा रही है ऐसा इसलिए कि कोरोना महामारी की शुरुआत चीन से हुई थी और इसके भी पहले
अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के चलते चीनी अर्थव्यवस्था कई मोर्चों पर मुश्किलों के दौर से गुजर रही थी।
चीनी अर्थव्यवथा की इस बढ़ी हुई वृद्धि नें जानकारों को भी चौंका दिया है। इस साल चीन का आर्थिक अनुमान 2 प्रतिशत के नीचे लगाया गया था और कई संस्थाओं नें तो नकारात्मक अनुमान भी लगाया था।

*चीन की आर्थिक वृद्धि के बढ़नें के कारण

1.जानकारों का कहना है कि चीन की अर्थव्यवस्था का 40 प्रतिशत हिस्सा औद्यगिक क्षेत्र से आता है और सबको पता है कि दुनिया में सबसे ज्यादा प्रोडक्शन अगर कोई कर सकता है तो वह है चीन। पहले ट्रेड वार और फिर कोरोना महामारी को फैलाने के आरोपो के चलते चीन का निर्यात बहुत घट गया है जिससे चीन अब उतनीं मात्रा में उत्पादन नहीं कर पा रहा है जितना पहले कर रहा था। हालांकि चीन नें अपनी घरेलू मांग को ही पूरा करने से 3.2 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि हासिल कर ली है।
2.चीनी की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 40 प्रतिशत योगदान औद्योगिक क्षेत्र का है और इसी क्षेत्र में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अलावा चीनी सरकार नें लॉक डाउन के दौरान विशेष आर्थिक पैकेज का भी एलान किया था जिसके सकारात्मक परिणाम अब देखने को मिल रहे हैं।
3.कोरोना महामारी की शुरुआत सबसे पहले चीन से ही नवंबर, 2019 में हुई थी और मार्च 2020 तक यहां से कोरोना पर पूरी तरह से काबू कर लिया गया था। एक वजह ये भी हो सकती है क्योंकि जब कोरोना पूरे विश्व में तबाही मचा रहा था तब चीन में जीवन सामान्य हो रहा था और काम-काज पटरी पर लौट रहा था। हालांकि पहली तिमाही के आंकड़े नकारात्मक ही रहे थे पर दूसरी तिमाही के आंकड़े आश्चर्य करनें वाले थे।

*चीनी सरकार की रणनीति काम आई


चीन के बारे में जानकारी रखनें वाले लोगों का तो ये भी कहना है कि हाल के दिनों में चीन की जो दखल दक्षिण चीन सागर और हिन्द महासागर में देखने को मिली है उसकी वजह से भी चीनी नागरिकों का मनोबल बढ़ा है जिससे वो अब काम करनें में तेजी दिखा रहे हैं। भारत-चीन सीमा विवाद को भी इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है।
चीन नें एक बार फिर खुद को इस महामारी से और दुनिया के तमाम बड़े देशों के बायकॉट से पैदा हुए संकट से उबरनें की कोशिश की है।
1992 के बाद से पहली बार चीन नें अपनी अर्थव्यवस्था के लिए कोई अनुमान जारी नहीं किये हैं। ऐसा कई देशों ने किया है। क्योंकि अभी तक कोरोना महामारी की वैक्सीन नहीं बन पाई है और कई देशों में तो लगातार वृद्धि दर नीचे की तरफ जा रही है।
अमेरिका और ब्राज़ील सबसे ज्यादा प्रभावित देश है और भारत इस लिस्ट में तीसरे पायदान पर पहुँच चुका है। अमेरिका में कोरोना वायरस के 3,483,832 मामलें हैं तथा 136,938 मौतें हुई हैं। भारत में इस समय कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 लाख के पार पहुंच चुकी है तथा 25 हजार से ज्यादा मौतें, 6.36 लाख लोग ठीक होकर घर भी जा चुके हैं।

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