लॉक डाउन में मारे गए लोगों के लिए 15 लाख का मुआवजा दे सरकार! पंडित राजनाथ शर्मा ने उपवास रखकर दी मृतकों को श्रद्धांजलि !

रिपोर्ट – आदित्य कुमार

समाजवादी व्यवस्था को पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता : राजनाथ।

‘मज़दूर बचाओ-देश बचाओ’ के आह्वाहन पर समाजवादी राजनाथ शर्मा ने रखा उपवास

पीएम एवं सीएम को भेज नौ सूत्रीय मांग पत्र

कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की वर्षगांठ पर विभूतियों को दी गई श्रद्धांजलि

बाराबंकी। 83 वर्ष पहले आज ही के दिन समाजवाद का सपना देखने वाले युवाओं ने कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का गठन किया था। उनके द्वारा प्रारम्भ किये गये कामों को पूरा करने की जिम्मेदारी आज के युवाओं की है ताकि समतामूलक लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष भारत का निर्माण किया जा सके। आजादी के बाद सोशलिस्ट पार्टी एक मजबूत विपक्ष रूप में सरकार को आइना दिखाता रहा है।

मौजूदा संकट से निपटने के लिये एक बार फिर समाजवादी विचारधारा को ही पुर्नस्थापित करने की आवश्यकता है। यह बात गांधीवादी एवं समाजवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना दिवस की वर्षगांठ पर प्रवासी मजदूरों की समस्याओं पर आत्म चिन्तन करते हुए उपवास के दौरान कही। उसी दिन की स्मृति में ‘मजदूर बचाओ-देश बचाओ’ के आहवाहन पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नौ सूत्रीय मांग-पत्र भेजा गया। इस दौरान गांधी भवन में समाजवादी नेता मृत्युंजय शर्मा, समाजसेवी विनय कुमार सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता सरदार राजा सिंह, सोशल एक्टिविस्ट रिजवान रज़ा, पाटेश्वरी प्रसाद ने दीपक प्रज्वलित कर लाॅकडाउन के दौरान मृतक श्रमिकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए आत्म शान्ति की प्रार्थना की गई। श्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना 17 मई 1934 को हुई थी। पटना के अंजुमन इस्लामिया हॉल में सीएसपी की पहली बैठक आचार्य नरेंद्र देव की अध्यक्षता में हुई। जिसमें समाजवादी धारा के नेताओं आचार्य नरेन्द्र देव, डॉ. राममनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण, कमलादेवी चट्टोपाध्याय, युसूफ मेहर अली, अशोक मेहता, एस.एम. जोशी, मीनू मसानी, अच्युत्य पटवर्द्धन, अरूणा आसफ अली, सेठ दामोदर स्वरूप आदि के नेतृत्व में समाजवादियों ने बड़ी भूमिका अदा की। जिसमें देश सवा सौ समाजवादियों ने हिस्सा लिया। श्री शर्मा ने बताया कि कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के संविधान में देश की आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक स्थिति के लिए नीतियां बनायी गई। साथ ही साथ समाजवादियों ने आजादी के आन्दोलन को भी गति प्रदान की। डॉ. लोहिया ने देश के निर्माण के लिए युवा, मजदूर, किसान, अल्पसंख्यक, दलित, महिलाओं के बीच रहकर और उन्हीं के नेतृत्व में संघर्ष चलाकर संगठन का विस्तार किया। आज का युवा समाजवादी विचारधारा से नहीं जुड़ पा रहा है उन्हें हमें भरोसा दिलाना होगा कि समाजवाद ही हर समस्या का समाधान कर सकता है और अधिक से अधिक युवाओं को नेतृत्व देना होगा। श्री शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नौ सूत्रीय मांगपत्र भेजा। उन्होंने मांगपत्र में कहा कि (1) लॉक डाउन के दौरान मृतक श्रमिकों के परिजनों को तत्काल 15 लाख रुपया की मुआवजा राशि सुनिश्चित की जाए। (2) केंद्र सरकार तत्काल श्रम कानून बहाल किया जाए। (3) विभिन्न राज्यों की फैक्ट्रियों, कल-कारखानों, गैर सरकारी संस्थानों में काम करने वाले श्रमिकों की घर वापसी की उचित व्यवस्था व संसाधन की व्यवस्था सुनिश्चित न कर पाने वाले मालिकानों पर अपराधिक मुकदमा पंजीकृत हो। तथा मृतक मजदूरों की बीमा राशि उनके परिजनों को उपलब्ध कराई जाए। (4) राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों को यातायात जे संसाधन उपलब्ध कराए। तथा समस्त जनपदों के आलाधिकारियों को निर्देशित करे कि पैदल चलने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए अविलंब राहत शिविर या अस्थाई विश्राम स्थल बनाया जाए। जहां उनके खान-पान, चिकित्सा एवं यातायात की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। (5) सभी प्रवासी मजदूरों का श्रम विभाग द्वारा पंजीकरण कराया जाए जिसमे क्षेत्रीय असंगठित मजदूर जैसे रिक्शा चालक, ठेला, पटरी दुकानदार, सफाई कर्मी, बिजली कर्मी, राज मिस्त्री व भट्टों पर काम करने वाले मजदूरों को शामिल किया जाए। (6) प्रवासी छात्रों का सरकार स्वास्थ्य, सुरक्षा, जीवन, यात्रा बीमा कराए। (7) धार्मिक स्थलों, स्वयंसेवी संस्थाओ के भवनों तथा किसानों का बिजली का बिल माफ किया जाए। इसके अलावा गरीब एवं माध्यम वर्गीय परिवारों को राहत देने के लिए सरकार उनके बिजली, पानी और गृह कर के बिल में कटौती करे। (8) कोविड 19 के अंतर्गत देश में लागू लॉक डाउन के कारण बंद शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करने वाले समस्त छात्र छात्राओं की फीस माफी हो। (9) केंद्र सरकार द्वारा जारी आर्थिक फंड का एक बड़ा भाग गरीबों एवं जरूरतमंदों के खातों में भेजा जाए। जिससे संकट की इस घड़ी में गरीबों, किसानों और श्रमिकों की मदद हो सके।

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