शहरों का प्रदूषण बना रहा टीबी का मरीज


नोएडा
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से पूरी दुनिया में हर साल 24 मार्च को टीबी डे मनाया जाता है। इसका मकसद इस रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाना हैं। टीबी को वैसे तो बीते जमाने की बीमारी के तौर पर देखा जाता है, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी जिले में टीबी के मरीजों की संख्या हर साल बढ़ रही है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, इस समय दुनिया भर में एड्स के बाद सबसे ज्यादा मौतें टीबी से ही हो रही हैं। शहरों का प्रदूषण टीबी रोग के बढ़ने की सबसे प्रमुख वजह है। सड़क पर उड़ने वाली धूल-मिट्टी और कंस्ट्रक्शन वर्क से होने वाला प्रदूषण लोगों को तेजी से टीबी की तरफ धकेल रहा है।

विभाग के अनुसार हर साल जिले में टीबी से 12-15 लोगों की मौत हो रही है। इसी वजह से टीबी के मरीजों को इलाज के लिए प्रोत्साहित करने व 2025 तक देश को इससे मुक्त करने के मकसद से राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है। इसमें स्वास्थ्यकर्मियों की टीमें घर-घर जाकर टीबी के संभावित रोगियों की पहचान करती हैं।