शिवपाल की एंट्री के साथ ही गड़बड़ाया BJP का गणित

उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए शुक्रवार को मतदान होना है। सपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष शिवपाल यादव के एक्टिव होते ही बीजेपी के 9वें उम्मीदवार की जीत के सपने को ग्रहण लग गया है। राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में वोट डालने का ऐलान कर चुके निषाद पार्टी के इकलौते विधायक विजय मिश्रा शिवपाल यादव से मिलने उनके घर पहुंच गए। माना जा रहा है कि बीएसपी उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर को जिताने की कमान विपक्ष की ओर से अब शिवपाल यादव के हाथ में आ गई है।

दरअसल सूबे की सभी पार्टियां अपना-अपना किला बचाने में जुटी हैं। एक राज्यसभा सीट को जीतने के लिए 37 वोटों की जरूरत है। बीजेपी अपने बूते 8 राज्यसभा सीटों पर आसानी से जीत जाएगी। इसके बाद बीजेपी और उसके सहयोगियों के 28 वोट बचते हैं। ऐसे में 9वीं सीट के प्रत्याशी अनिल अग्रवाल को जिताने के लिए उसे 9 और वोटों की जरूरत है। निर्दलीय और सपा-बसपा के बागी विधायकों के सहारे बीजेपी अपनी जीत की आस लगाए हुए हैं।

निषाद पार्टी के विधायक विजय मिश्रा कल तक बीजेपी की शान में कसीदे पढ़ रहे थे। इतना ही नहीं बीजेपी उम्मीदवार अनिल अग्रवाल को वोट देने की बात भी कह चुके थे। लेकिन शिवपाल यादव के सपा में एक्टिव होते ही विजय मिश्रा का इरादा बदलता हुआ नजर आ रहा है। विजय मिश्रा आज शिवपाल यादव से मिलने पहुंचे. माना जा रहा है कि शिवपाल विजय मिश्रा से सपा-बसपा के पक्ष में वोटिंग करवा सकते हैं। इससे बीजेपी खेमे में बेचैनी बढ़ गई है।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता उदयवीर सिंह ने साफ तौर पर कहा है कि सपा और बसपा का गठबंधन राज्यसभा चुनाव में एकजुट है। कहीं कोई टूट नहीं है पार्टी में कोई क्रॉस वोटिंग नहीं होगी। उदयवीर सिंह के मुताबिक हमारे सहयोगियों के सहयोगी भी हमारे साथ हैं और जिस तरीके से बीती शाम शिवपाल यादव और रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया हमारे डिनर में शामिल हुए उसके बाद सारी दुविधाएं दूर हो गई हैं। अब बीजेपी को अपना कुनबा बचाना चाहिए।

माना जा रहा था कि शिवपाल की अखिलेश से नाराजगी बीजेपी के 9वें उम्मीदवार की जीत का कारण बनेगी। लेकिन अखिलेश ने राज्यसभा चुनाव से दो दिन पहले शिवपाल को अपने साथ लाकर बीजेपी के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। अब शिवपाल सपा और बसपा के उम्मीदवार को जिताने की जद्दोजहद में जुट गए हैं।