सड़कों पर बेहाल हजारों मजदूर, इनके लिए बसें क्यों नहीं लगाती सरकार?

रिपोर्ट – दीपक मिश्रा

पिछले दिनों लोगों ने योगी सरकार की जमकर तारीफ की थी जब उन्होंने दिल्ली सीमा पर परेशान मजदूरों के लिए 1000 बसें लगाई थी इसके बाद कोटा से आने वाले धनी परिवारों के बच्चों के लिए भी सैकड़ों बसें लगाई गई।

लेकिन अब एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकारों की इस बात को लेकर जबरदस्त आलोचना हो रही है कि वह देश के लगभग हर जिले में सड़कों पर पैदल चल रहे हजारों लाखों मजदूरों के लिए कोई व्यवस्था क्यों नहीं कर रही।

कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन के चलते लगभग हर जिले में सैकड़ों कार्य स्थलों पर कामकाज बंद हो गया है जिसके चलते वहां काम करने वाले लाखों मजदूर न सिर्फ बेरोजगार हो रहे हैं बल्कि भुखमरी के भी शिकार हो रहे हैं।

ऐसे में परेशान मजदूर अपने घरों को अपने गांव को पहुंचना चाहते हैं क्योंकि वहां पर कम से कम अपने परिजनों के बीच अपने रिश्तेदारों के बीच उन्हें इतना भरोसा है कि वह भूख से नहीं मरेंगे और अपने परिजनों का स्नेह इस संकट में उनका सहारा बनेगा लेकिन पिछले कई दिनों से लगातार उत्तर प्रदेश और देश के अलग-अलग शहरों से सड़कों पर हाईवे पर चलते हजारों मजदूरों की तस्वीरें और वीडियो सामने आने के बावजूद सरकारें खामोश बनी हुई है।

मजदूरों के साथ साथ सभी संवेदनशील लोग यह मानते हैं कि सरकारों को सभी प्रदेश सीमाओं पर और जनपदीय सीमाओं पर बसें लगाकर मेडिकल परीक्षण करवाकर ऐसे मजदूरों को उनके घरों तक भेजने की व्यवस्था कर देनी चाहिए जो पिछले कई दिनों से सड़कों पर पैदल चल रहे हैं या फिर बसों और ट्रकों की छत पर सुरक्षित यात्रा कर रहे हैं।

सड़कों पर अपनी परिवारों के साथ कंधों पर बोझा उठाए इन मजदूरों को अनदेखा करने वाला सरकारी तंत्र निश्चित तौर पर एक ऐसा पाप कर रहा है जिसके लिए समय उसका दंड निर्धारित करेगा।
ऐसे में बेहतर यही होगा कि बिना समय गवाएं सरकारों को इस दिशा में ठोस कदम उठा लेना चाहिए।

पिछले दिनों में सरकार लगातार ट्रेनों और बसों के जरिए मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है। लाखों मजदूरों को उनके घरों तक भेजा गया है। उनको राशन के किट भी दिए गए हैं। लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में मजदूर सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं। क्योंकि इस त्रासदी में प्रभावित गरीबों की संख्या बहुत ज्यादा है ऐसे में जो लोग सड़कों पर आ चुके हैं, उनकी व्यवस्था करना भी बहुत जरूरी है।

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