सर्दियों में बढ़ती हुई हृदयघात की घटनाएं, बचाव के लिए ली जाने वाली सावधानियां

वर्तमान मौसम में पड़ रही कड़कती ठंड में हृद्यघात (हार्ट अटैक) से मरने वालों की संख्या में काफी वृद्धि हो जाती है । इस संबंध में कारणों और बचाव के लिए अपनाई जाने वाली सावधानियों की जानकारी हेतु हमने डॉ मेजर प्राची गर्ग, मेडिकल डायरेक्टर ,हार्ट केयर फ़ाउंडेशन अॉफ इंडिया से बातचीत की । डॉक्टर मेजर गर्ग अकेली ऐसी महिला अधिकारी हैं जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान 8 माउंटेन आर्टिलरी ब्रिगेड के साथ युद्ध क्षेत्र में कार्य किया है। वह आई एम ए, नई दिल्ली शाखा से भी जुड़ी हुई हैं । विषय पर चर्चा के दौरान उन्होंने अवगत कराया कि ….

इस बार दिसंबर के महीने में सर्दी का मौसम अपनी चरम सीमा पर है। समूचा उत्तर भारत सर्दी की गिरफ्त में है। जाड़े के मौसम में सेहत के प्रति लापरवाही परेशानी का कारण बन सकती है। विशेषत: छोटे बच्चे, बूढ़े लोग, दमा के मरीज, हृदय रोगी और डायबिटीज के मरीजों को इस मौसम में विशेष सावधानी की आवश्यकता होती है।

आज जानें कुछ आवश्यक जानकारी जो विशेषकर ह्रदय रोगियों, डायबीटीज़ के मरीज़ों और उन सभी लोगों जिनके साथ हाई रिस्कफैक्टर्स जुड़े है, जैसे ख़राब लाईफ़ स्टाइल, स्मोकिंग, परिवार में निकट संबंधियों को ह्रदय रोग या डायबीटीज़ का होना ।

सर्दियों के मौसम में खून की नलियों के सिकुड़ जाने के कारण हार्ट अटैक की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। छाती में दर्द या भारीपन, गले में घुटन, सांस फूलना या पसीना आना, एसिडिटी का अटैक होना, नब्ज़ का कम या अधिक होना हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं। विशेषत: शुगर के मरीज एसिडिटी या सांस फूलने को नजरअंदाज ना करें क्योंकि बिना छाती में दर्द के भी शुगर के मरीजों में ये साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं। इसीलिए कभी भी ऐसे लक्षण आने पर नज़रअंदाज़ न करें अपने डॉक्टर को दिखाएँ या अस्पताल में जाएँ जहाँ ह्रदय रोग का इलाज उपलब्ध हो।

यदि आपको ऐसा लगता है कि आपके लक्षण हार्ट अटैक के हो सकते हैं तो तुरंत 300 मिलीग्राम की घुलनशील एस्प्रिन की गोली चबा लें। इससे हार्ट अटैक से होने वाली मृत्यु की संभावना 22% तक कम हो जाती है। तुरंत हार्ट के अस्पताल में जाने की कोशिश करें। डॉक्टर को या अस्पताल में अवश्य दिखाएँ।

इससे बचने के लिए अधिक ठंड में बाहर जाने से बचें। यदि ठंड में बाहर जाना हो तो अच्छी तरह गर्म ऊनी वस्त्र पहनकर और सिर पर टोपी लगाकर और कान व गर्दन को ढक कर बाहर निकलें ताकि शरीर में गर्माहट बनी रहे। याद रखें मंकी कैप इसीलिए बनी थी।

अधिक तेल वाले खाद्य पदार्थ, सिगरेट और शराब का सेवन करने से बचें। खासकर सुबह उठते ही सिगरेट ना पिए। घी तेल मक्खन 15ml से ज्यादा एक दिन में ना लें। इनके अनावश्यक सेवन से ख़ून की नलियाँ सिकुड़ जाती है जिससे हृदय में रक्त संचार में कमी आ सकती है।

सुबह शाम सैर पर अवश्य जाएँ लेकिन ध्यान रखें कि हवा का प्रदूषण 100 से कम हो।

नमक का सेवन कम करें।

सर्दियों में कम से कम आधा घंटा धूप में जरूर बैठे।

निरर्थक तनाव से बचें।

याद रखें सर्दियों में सबसे ज्यादा हार्ट अटैक, ब्रेन हेमरेज और पैरालिसिस का खतरा होता है।

अगर आप सुबह का ब्लड प्रेशर और ख़ून में शुगर को कंट्रोल में रखें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। चूँकि सर्दियों में ब्लड प्रेशर की मात्रा 5 मिलीमीटर बढ़ जाती है इसलिए अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें कि आपको दवाई बढ़ाने की जरूरत तो नहीं है। अपने डॉक्टर से जरूर पूछ कर सर्दियों में फ्लू का इंजेक्शन और निमोनिया का इंजेक्शन लेना चाहिए। फ्लू का इंजेक्शन साल में एक बार और निमोनिया का इंजेक्शन 5 साल में एक बार लिया जाता है।

याद रखें हार्ट अटैक आने के बाद दवा को हमेशा लेना होता है। अपने डाक्टर की सलाह के अनुसार ही दवा को बदलें। अपने आप या मित्र – संबंधी की सलाह से दवा बंद न करें।

अपने डॉक्टर से कार्डियोपलमोनरी रिससिटेशन के बारे में अवश्य सीखें क्योंकि 10 मिनट के अंदर अगर हार्ट अटैक के बाद दिल की धड़कन रुक जाए तो इस प्रक्रिया को करने से मृत व्यक्ति के हार्ट को दोबारा से ज़िंदा किया जा सकता है।

इन सावधानियों के साथ आप स्वस्थ रहें और जाड़े का लुत्फ उठाएं ।

रिपोर्ट – विकास अग्रवाल, विशेष सवांदाता