रिपोर्ट – शिवम अवस्थी
लॉक डाउन में अतीत की ओर लौटता उत्तर प्रदेश झकझोर देंगी जीविका की जीवंत तस्वीरें रोजी से भागते लोग रोटी के लाले
केंद्र सरकार के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में भी लॉक डाउन चल रहा है हर तरफ बंदी है सन्नाटा है। पूरा शहर वीरान स नजर आ रहे हैं। लेकिन सड़कों पर नजर घुमाने से ऐसा लग रहा है जैसे उत्तर प्रदेश अपने अतीत की ओर लौट रहा है।
अन्य प्रदेशों में काम कर रहे लोग सड़कों पर पैदल अपने घर की राह नापते नजर आ रहे हैं तो कहीं पर झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोग एक रोटी के मोहताज हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार भरपूर कोशिश कर रही है कि महामारी के दौर में कोई भूखा ना मरे, लेकिन प्रशासनिक सिस्टम ने सरकार की मंशा को मजाक बना रखा है। तस्वीरें सीतापुर जिले की है जिनको देखकर अतीत का उत्तर प्रदेश जीवंत नजर आता है।
यह तस्वीरें सीतापुर शहर से सटे नेपालापुर इलाके की है। यह एक विशेष वर्ग के लोग हैं। जो बरसों से इस शहर में डेरा जमाए हुए हैं व गली मुहल्लों में कबाड़ बिनते हुए 2 जून की रोटी का इंतजाम करते थे। लेकिन लॉक डाउन में सब कुछ बंद हो गया है। अब अगर सिर्फ बचा है तो सिर्फ भूख का शोर रह गया है।
इसे देखिए यह इसी विशेष समुदाय के परिवार की एक बच्ची है। जो प्लेट में लेकर सूखे चावल खाने को मजबूर है। इन लोगों के घर में चूल्हे तक नहीं जले हैं लकड़ियां बीनने पर भी प्रशासन ने रोक लगा दी है। ऐसे में गैस का इंतजाम इनके बस की बात नहीं है इसकी वजह से यह लोग सूखा अन्न खाकर अपना पेट भरते हुए नजर आ रहे हैं। बर्तन भी जस के तस पड़े हुए हैं ऐसा लग रहा है मानो कभी कुछ खाया ही न गया हो।
यह तस्वीरें सीतापुर शहर में रिक्शे वालों की जो बैठे तो हैं लेकिन सवारियों का नामोनिशान दिन में नहीं मिला सूखी रोटी खाकर दिन गुजार रहे हैं। सब्जी भी इनको नसीब नहीं हुई दूसरी ओर पुलिसकर्मियों ने इनको बाहर निकलने पर भी रोक लगा दी है। हर जुबान पर यही सवाल है कि आखिर अब खाएंगे क्या।
आप देख सकते हैं यह तस्वीरें एनएच 24 हाईवे की है। जहां पर 10-12 लोग एक ऑटो में धक्का लगाते नजर आ रहे हैं जानकारी के लिए बता दें यह सभी लोग दिल्ली के करोल बाग में मजदूरी करते थे लॉक डाउन में मजदूरी भी बंद हो गई इसकी वजह से अपने घर बहराइच को चल पड़े लेकिन मुरादाबाद में ही इनके ऑटो का सीएनजी फ्यूल खत्म हो गया। इनके पास पैसे भी नहीं थे इसके चलते यह लोग ऑटो में धक्का लगाते हुए बहराइच को जा रहे हैं। अब यह क्या पहुंच पाएंगे इसका तो भगवान ही मालिक है।