ब्यूरो रिपोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज एक महत्वपूर्ण फैसला करते हुए गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के निलंबित डॉक्टर कपिल को रिहा करने का आदेश दिया है।
नागरिकता कानून से संबंधित विवादित भड़काऊ भाषण देने के आरोप में डॉ कफील के खिलाफ राज्य सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की थी और उन्हें जेल भेज दिया था।
डॉ कफील के वकीलों ने हाईकोर्ट में यह तर्क रखा कि डॉ कफील के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई नहीं बनती है राज्य सरकार ने दुर्भावना पूर्ण तरीके से उनके विरुद्ध एनएसए की कार्रवाई की है।
दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं को सुनने के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने डॉ कफील के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की कार्रवाई को अनुचित मानते हुए उन्हें रिहा करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि गोरखपुर मेडिकल कॉलेज बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कफील को उस समय निलंबित किया गया था जब गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से कई बच्चों की मौत हो गई थी। इस मामले में डॉ कपिल को जांच में दोषी पाया गया था और यह आरोप लगा था कि उनकी कथित लापरवाही से बच्चों की जान गई।
डॉ कपिल के निलंबित होने के बाद से ही उनके मुसलमान होने की वजह से यह मामला राजनैतिक बन गया कुछ लोगों ने उनके पीछे मुस्लिम वोट बैंक देखते हुए उनके पक्ष में बयानबाजी शुरू की और कुछ लोग उनकी खिलाफत करते रहे।