2019 के लोकसभा में साथ आ सकते हैं बसपा और सपा.. उपचुनाव के लिए घोषित हुआ समर्थन.. भाजपा की मुश्किलें बढ़ी

आदित्य कुमार की खास रिपोर्ट

पूरे देश में तेजी से बढ़ रहे भारतीय जनता पार्टी के विजय रथ को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश में धुर विरोधी रहे राजनीतिक दल भी एक हो रहे हैं. समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश में पुरानी दुश्मनी भूल कर हाथ मिला रहे हैं …और इसकी शुरुआत लोकसभा के उपचुनाव से हो गई है.. फूलपुर और गोरखपुर में होने वाले उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने एक दूसरे का हाथ थाम कर भाजपा को पटखनी देने की योजना बना ली है देर रात… समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने एक ट्वीट के जरिए इस बात का खुलासा भी किया …और अब यह बड़ी राजनीतिक खबर सार्वजनिक हो चुकी है जिसको लेकर लंबे समय से समाजवादी पार्टी और बसपा के रणनीतिकार अपना अस्तित्व बचाने के लिए मंथन कर रहे थे… बसपा की ओर से भी औपचारिक घोषणा कर दी गई है की गोरखपुर और फूलपुर के उप चुनाव में सपा प्रत्याशियों को समर्थन दिया जाएगा और बसपा के लोग उनकी मदद करेंगे..
गौरतलब है कि पूर्वोत्तर के राज्यों में भाजपा को मिले उत्साहजनक परिणामों के बाद भाजपा के विरोधी दल अपने अंतिम अस्त्रों का भी प्रयोग करने से चूकना नहीं चाहते … क्योंकि BJP का बढ़ता कर उनके अस्तित्व के लिए खतरा बनता है दिखाई पड़ रहा है …और उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ संपूर्ण विपक्ष को इकट्ठा करना राजनीतिक संजीवनी का रूप ले सकता है.. माना जा रहा है कि सपा और बसपा का यह दांव लोकसभा के उपचुनाव के साथ साथ 2019 के आम चुनाव में भी बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है ..अब देखने वाली बात होगी भगवा खेमा सपा और बसपा के इस महा दांव के खिलाफ कौन सा हथियार लेकर सामने आता है..

हालांकि भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता सपा और बसपा के राजा गठबंधन को सांप और नेवले का अवसरवादी गठबंधन बताया है..