21 वर्षीय आरती तिवारी का जिला पंचायत अध्यक्ष बनना तय, जीवन में पहली बार देखा डीएम कार्यालय!

एक 21 साल की लड़की जो बीए तृतीय वर्ष की छात्रा थी। उसे राजनीति ने जिले के एक शीर्ष पद तक पहुंचा दिया। 21 साल की छात्रा जिसे अपने गांव समाज से प्यार था। उसने परिवार से राजनीति सीखा और चुनाव लड़ी। जिला पंचायत सदस्य पद के लिए उसने लड़ाई लड़ते हुए अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 8500 मतों से मात दी। उसने इससे भी आगे बढ़ने का सोचते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी के लिए भारतीय जनता पार्टी की जिला शाखा पर आवेदन किया। किसी ने नहीं सोचा था कि उस लड़की को जिले का एक सर्वोच्च पद यूं ही मिल जाएगा। लेकिन आज वह लड़की बलरामपुर जिले से निर्विरोध निर्वाचित होकर जिला पंचायत अध्यक्ष बनी है। जिसकी औपचारिक घोषणा भले ही जिला प्रशासन द्वारा 29 जून को की जाए। लेकिन उसके घर, उसके गांव, और उसके क्षेत्र में उत्सव जैसा माहौल है।

आरती तिवारी भले ही अभी बोलने में संकोच करती हों। हिचकीचाती हो। लेकिन उन्हें अपने समाज और अपने लोगों से इतना प्यार है कि वह कहती हैं कि मैं इनकी सेवा और अंत्योदय के लिए अपना पूरा जीवन रमा दूंगी।

क्या है आरती की प्रोफाइल :-

बलरामपुर जिले की 40 जिला पंचायत सीटों में से एक सीट चौधरीडीह वार्ड नं 17 है। यहां से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव 8500 मतों से जीतकर जिला पंचायत सदन पहुंचने वाली और अब जिला पंचायत अध्यक्ष बनने वाली 21 साल की आरती तिवारी को राजनीति की शुरुआती प्रेरणा उन्हें अपने पूर्व प्रधान पिता और राजनीतिक रूप से अतिसक्रिय चाचा श्याम मनोहर तिवारी से मिली। श्याम मनोहर भारतीय जनता पार्टी में पिछले कई वर्षों से क्रियाशील हैं।

कहाँ से हुई पढ़ाई लिखाई :-

आरती जिले के तराई क्षेत्र के परसा गांव में रहती हैं। आरती ने बताया कि वो पढ़ने लिखने में बहुत अच्छी हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कस्तूरबा आवासीय विद्यालय शिवपुरा से ली है। उसके बाद उन्होंने हाईस्कूल पड़ोसी जनपद श्रावस्ती के एकघरवा से किया। उन्होंने इंटर की पढ़ाई अपने ही वार्ड चौधरीडीह के एक इंटर कालेज से किया। इसके बाद ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए वो बलरामपुर के एमएलके पीजी कालेज पहुंच गई और वहां अभी वो बीए तृतीय वर्ष की छात्रा हैं।

ये लोग हैं राजनीति में आने के लिए प्रेरक :-

जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध चुने जाने के बाद आरती तिवारी ने कहा कि उनके पिता पहले प्रधान रह चुके हैं और उनके चाचा श्याम मनोहर तिवारी भाजपा के पुराने कार्यकर्ता हैं। उन्हें देखकर ही उन्हें राजनीति में आने की प्रेरणा मिली है।

पहली बार गयी थी कैलेक्ट्रेट :-

पर्चा दाखिले के वक्त पहली बार कलेक्ट्रेट जाने का मौका मिला उन्हें कैसा महसूस हो रहा था? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। हमारे साथ जिले के विधायक और कैसरगंज के सांसद बृजभूषण सिंह भी थे। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और मेरा पर्चा दाखिला हो गया।

नहीं पता क्यों सपाई नहीं दाख़िल कर सके पर्चा :-

वहीं, समाजवादी पार्टी द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर किए जा रहे हैं प्रदर्शन के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे यह नहीं पता कि विपक्षी दलों की क्या रणनीति थी। लेकिन मैं यह जानती हूं की लोगों ने मुझे जिले के लोगों ने जिला पंचायत अध्यक्ष चुना है। जिसमें मेरी पार्टी, परिवार व वरिष्ठ नेताओं का विशेष योगदान है।

ये काम करने की है इच्छा :-

जिला पंचायत अध्यक्ष आरती तिवारी ने यह भी कहा हमारे यहां की सड़कें टूटी फूटी है हमे शिक्षा स्वास्थ्य और सड़कों पर काम करना है। उन्होंने युवाओं को आगे लाने और उनके बेहतर शिक्षा की व्यवस्था करने की बात भी कही।

विकास से अछूता है हमारा इलाका :-

उन्होंने कहा कि हमारा इलाका आजादी के बाद से ही विकास के पायदानओं से अछूता रह गया था। भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद कुछ काम तो हुआ लेकिन अभी भी बहुत सारे काम है। जो होने बाकी है। मेरी कोशिश होगी कि यहां के रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को मैं उच्चीकृत कर सकूं।

रिपोर्ट – योगेंद्र विश्वनाथ, बलरामपुर

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