लखनऊ: मायावती का बड़ा ऐलान, यूपी उत्तराखंड में पार्टी अकेले लड़ेगी विधानसभा चुनाव

लखनऊ – उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी यूपी जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के रूप में शुरू हो चुकी है। दरअसल इसे विस इलेक्शन का सेमीफाइनल कहना सही होगा। इसी बीच बसपा व असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के बीच गठबंधन को लेकर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्षा मायावती ने स्पष्ट कर बड़ा ऐलान किया है।
बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार सुबह ट्वीट कर लिखा कि मीडिया के एक न्यूज चैनल में कल से यह खबर प्रसारित की जा रही है कि यूपी में आगामी विधानसभा आमचुनाव औवेसी की पार्टी AIMIM  व  बीएसपी मिलकर लड़ेगी। यह खबर पूर्णतः गलत, भ्रामक व तथ्यहीन है। इसमें रत्तीभर भी सच्चाई नहीं है तथा बीएसपी खण्डन करती है।


उन्होंने आगे लिखा कि वैसे इस सम्बन्ध में पार्टी द्वारा फिरसे यह स्पष्ट किया जाता है कि पंजाब को छोड़कर, यूपी व उत्तराखण्ड प्रदेश में 2022 में विधानसभा का यह आमचुनाव बीएसपी किसी भी पार्टी के साथ कोई भी गठबन्धन करके नहीं लड़ेगी यानि अकेले ही लड़ेगी।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने विधानसभा चुनाव से पहले संगठन को मजबूत करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। पार्टी से नाराज होकर या फिर किसी गलतफहमी में निकाले गए कैडर के नेताओं की घर वापसी शुरू हो गई है। मायावती ने स्वयं इसके लिए पहले शुरू की है, जिससे संगठन को मजबूती मिल सके। प्रयागराज, वाराणसी मिर्जापुर मंडल में यह काम शुरू हो गया है। पश्चिमी यूपी में बाहर गए पुराने नेताओं से सेक्टर प्रभारी संपर्क कर रहे हैं।


मायावती ने विधानसभा चुनाव से पहले संगठन को दुरुस्त करने की कवायद तेज कर दी है। वह स्वयं प्रत्येक मंडल की समीक्षा कर रही हैं। मुख्य सेक्टर प्रभारियों को माह के अंत तक बूथ स्तर तक संगठन को दुरस्त करने को कहा है, जिससे अगले दो महीनों में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी जाएं। बसपा सुप्रीमो के निर्देश पर संगठन को बूथ स्तर तक गठन करने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है।
बसपा सुप्रीमो ने प्रयागराज मंडल का पुनर्गठन कर दिया है। इसमें पार्टी में वापस आए राजू गौतम को भी शामिल किया गया है। भीमराव अंबेडकर, डाॅ. विजय प्रताप, अशोक कुमार गौतम, अमरेंद्र बहादुर पासी, डाॅ. दीपचंद्र गौतम के साथ ही राजू गौतम को प्रयागराज मंडल का मुख्य सेक्टर प्रभारी बनाया गया है। राजू गौतम एक समय मायावती के विश्वासपात्रों में माने जाते थे और कई राज्यों के प्रभारी भी रह चुके हैं। उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था, लेकिन घर वापसी की प्रक्रिया में उन्हें जोड़ा गया है। वह कैडर के नेता हैं।

रिपोर्ट – आर डी अवस्थी

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