यह खबर झारखंड के गिरिडीह जिले के नक्सल प्रभावित सुदूरवर्ती गांव बदरौनी की है। यहां लोग उसी घाट से पानी लेते हैं जहाँ जानवर भी पानी पिते हैं।
हैरानी की बात यह है कि पानी इतना गंदा है कि सिर्फ देखने से ही उसके दूषित होने का अंदाजा लगाया जा सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक इस गांव में ना ही नल है और ना ही कुआं है। प्रशासनिक उपेक्षा के कारण लोग जंगल से निकलने वाली नदी और नाले के दूषित पानी पीने को मजबूर है।
ग्रामीणों के अनुसार, गांव में दिखावे के लिए एक चापाकल है जो कई सालों से खराब पड़ा है।
यहाँ तक कि इस गाँव में ना हि पक्की सड़क है और ना ही बिजली की व्यवस्था
आजादी को इतने साल बीत जाने के बावजूद भी कई क्षेत्र ऐसें है जिनको आज भी इन सब दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले मानसून में इस गांव के कई लोगों को नदी का गंदा पानी पीने से डायरिया भी हो गया था।
लेकिन प्रशासन ने इसपे कोई कठोर कदम नही उठाया।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’