जिलाधिकारी के गंभीर प्रयासों से विकास और सुशासन की ओर बढ़ता बाराबंकी!

द इंडियन ओपिनियन
बाराबंकी

बाराबंकी जनपद एक सुव्यवस्थित नगर की पहचान हासिल करने के लिए कई दशकों से संघर्ष कर रहा है। विकास की यात्रा में अनेक अधिकारियों और नेताओं का योगदान रहा है, परंतु वर्तमान जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार के प्रयासों ने बाराबंकी को देश के पर्यटन मानचित्र पर प्रतिस्थापित करते हुए पूरे जनपद को रोजगार और सर्वांगीण विकास के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ सुशासन का सार्थक प्रयास किया है।

बाराबंकी नगर के इतिहास में पहली बार जमुरिया नदी का चौड़ीकरण करके उसके पुराने स्वरूप को लौटाकर नगर को बाढ़ की विभीषिका से मुक्ति दिलाने की बात हो, अरबों रुपए की कीमती सरकारी जमीनों को भू माफिया के चंगुल से मुक्त करने की उपलब्धि हो, अथवा महादेवा कॉरिडोर, सप्तऋषि आश्रम, सैलानी माता समेत अनेक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक स्थलों के विकास की बात हो—जिलाधिकारी के रूप में युवा आईएएस सत्येंद्र कुमार ने बाराबंकी के उन चुनौतीपूर्ण विषयों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया, जो दशकों से लंबित थे और जिनके समाधान के लिए लंबे समय से जनमानस की मांग थी और गंभीर आवश्यकता भी थी।

आज जनपद बाराबंकी में तहसील हैदरगढ़, तहसील सिरौली गौसपुर और जिला मुख्यालय के निकट तीन नए औद्योगिक क्षेत्र भी विकसित किए जा रहे हैं, जहां सैकड़ों नए उद्योग लगेंगे और हजारों युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा।

बाराबंकी के समुचित विकास के लिए बाराबंकी विकास प्राधिकरण को शासन से मंजूरी दिलाने में भी जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार की अहम भूमिका रही है। इसके अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बाराबंकी के सरकारी अस्पतालों की स्थिति को बेहतर करने के प्रयास और जिला मुख्यालय के एकमात्र सरकारी डिग्री कॉलेज, जवाहरलाल नेहरू स्मारक महाविद्यालय, में विधि स्नातक की कक्षाएं शुरू करने का प्रयास भी जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार द्वारा किया जा रहा है।


प्रतिदिन जनसुनवाई के दौरान एक तरफ, जहां जिले की आम जनता और निर्बल जनों के संरक्षक के रूप में संवेदनशील लोक सेवक के रूप में पीड़ितों की तकलीफों के निराकरण में जिलाधिकारी पूरी रुचि लेते हैं, वहीं संबंधित अधिकारी को तुरंत फोन करके व्यक्तिगत तौर पर भी पीड़ित की सहायता के निर्देश देते हैं।

अपराधियों और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करके उन्होंने एक कुशल प्रशासक होने का परिचय दिया है। वहीं नगर के मध्य में स्थित महिला सिविल सर्जन बंगले की बहुमूल्य सरकारी जमीन, शत्रु संपत्ति की जमीन, और अन्य सरकारी भूमियों पर भी अवैध कब्जे हटवा कर जिलाधिकारी ने सैकड़ों करोड़ की सरकारी भूमि को माफियाओं से मुक्त करवाया।


बाराबंकी जनपद राजधानी लखनऊ का सबसे नजदीकी जनपद होने के बावजूद उत्तर प्रदेश के पिछड़े जनपदों में गिना जाता है। जनपद में बहुत से कार्य होने हैं, लेकिन आईएएस सत्येंद्र कुमार के प्रयासों से जिन कार्यों को गति मिली है, उनका लाभ भी बाराबंकी के लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में सहायक होगा।

विश्वविख्यात नगरी काशी और विंध्यवासिनी धाम के बाद बाराबंकी का महादेव धाम प्रदेश का तीसरा पर्यटन स्थल होगा, जहां करोड़ों की लागत से भव्य धार्मिक कॉरिडोर बनाया जा रहा है। यही नहीं, पिछले दिनों डीएम की अध्यक्षता में आयोजित हुए देवा शरीफ दरगाह के मेले में बेहतर इंतजाम और आवागमन के लिए बनाई गई सड़कों की भी लोगों ने तारीफ की। जाहिर सी बात है कि बाराबंकी को यह प्राथमिकता दिलाने के लिए जिलाधिकारी ने शासन में अथक प्रयास किए होंगे।

जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार के अंदर एक पीड़ा है—पीड़ित निर्बल को न्याय दिलाने की और जनपद व राष्ट्र के सर्वांगीण विकास की। हमारे संविधान में जिस प्रकार के लोक सेवकों की परिकल्पना की गई है, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के रूप में सत्येंद्र कुमार का प्रयास शायद इसी प्रकार का दिखाई पड़ता है। वे एक प्रशासक से अधिक एक संवेदनशील और उत्पादक लोक सेवक के रूप में कार्य करने में विश्वास रखते हैं।

2024 का वर्ष समाप्ति की ओर है और 2025 का आगमन होने वाला है। बाराबंकी की जनता को उम्मीद है कि युवा जिलाधिकारी का कुशल नेतृत्व बाराबंकी को सभी क्षेत्रों में सक्षमता और आत्मनिर्भरता प्रदान करेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *