उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है। BJP ने पोस्टर जारी कर मायावती और अखिलेश यादव को सत्ताभोगी बताया तो मायावती ने भी पलटवार कर दिया। BSP प्रमुख ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे को दिखावा बताते हुए सत्ताभोगी वाले बयान का जवाब दिया। लिखा, ‘BJP का ये पोस्टर उनकी जातिवाद सोच का प्रतीक है।’
भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से शनिवार को एक पोस्टर जारी किया गया था। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती को एक कैटेगिरी, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दूसरी कैटेगिरी में दिखाया गया था। मायावती और अखिलेश को इस पोस्टर में सत्ताभोगी, जबकि योगी आदित्यनाथ को कर्मयोगी बताया गया है। अखिलेश की फोटो के साथ पोस्टर में लिखा गया है, ‘बाढ़ के वक्त लाखों रुपए की मर्सिडीज साइकिल से चुनावी प्रचार में मस्त।’ वहीं, मायावती की फोटो के साथ लिखा गया है, ‘बाढ़ ग्रस्त लोगों की मदद के बजाय जातिवाद सम्मेलन में व्यस्त।’
BJP के इस पोस्टर का मायावती ने भी ट्वीट करके जवाब दिया है। लिखा, ‘भाजपा द्वारा ट्विटर पर फर्क साफ है। पोस्टर में बीएसपी पर बाढ़ग्रस्त लोगों की मदद के बजाय जातिवादी सम्मेलन करने में व्यस्त टिप्पणी घोर अनुचित व इनकी बौखलाहट व जातिवादी सोच का प्रतीक। यूपी के सीएम द्वारा बाढ़ क्षेत्र का दौरा जनता पर एहसान नहीं बल्कि उनकी जिम्मेदारी जबकि राहत गायब।’ एक अन्य ट्विट में मायावती ने लिखा, ‘इसी प्रकार, बीएसपी के प्रबुद्ध वर्ग विचार संगोष्ठी की यूपी के जिलों-जिलों में अपार सफलता से बौखला कर पहले इसे रोकने का सरकारी प्रयास और अब इसे ‘जातिवादी सम्मेलन’ कहना बीजेपी की गलत सोच व समझ को ही प्रदर्शित करता है। यह अति-निन्दनीय है।’
BSP सुप्रीमो मायावती पिछले कुछ दिनों से लगातार BJP के खिलाफ मुखर होकर बोल रही हैं। दो दिन पहले ही उन्होंने योगी सरकार पर बसपा के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के खिलाफ सरकारी मशीनरी के गलत इस्तेमाल का भी आरोप लगाया था। मायावती ने ट्वीट करके कहा था कि बहुजन समाज पार्टी के प्रबुद्ध सम्मेलन को भारी सफलता मिल रही है। इसकी चर्चा पूरे मीडिया जगत में हो रही है। इससे भारतीय जनता पार्टी समेत अन्य विपक्षी पार्टियों की नींद उड़ी हुई है। इसका अंदाजा उनकी ओर से की जा रही बयानबाजी और प्रतिक्रियाओं से लगाया जा सकता है। बसपा सुप्रीमो ने कहा था कि प्रयागराज, अंबेडकरनगर, कासगंज, मथुरा और आगरा आदि जिलों में बसपा के इस प्रबुद्ध वर्ग के सम्मेलन की भारी सफलता से भाजपा ने इसको अपने लिए खतरे की घंटी मान लिया है।
रिपोर्ट – आर डी अवस्थी