महाराष्ट्र में शिवसेना (शिंदे गुट) और बीजेपी की सरकार का 5 अगस्त को होने वाला कैबिनेट विस्तार टल गया है। महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का विस्तार लटकने से अब मंत्री और राज्य मंत्रियों के अधिकार सचिवों को सौंपे गए हैं। नई सरकार में मंत्रियों के पद खाली होने से कई विभागों के कामों पर असर पड़ रहा है जिसकी वजह से कई विकास के काम अटक गए हैं। शिंदे सरकार ने राज्य के विभिन्न विभागों के सचिवों को मंत्रियों की तरह निर्णय लेने की शक्ति प्रदान की है। इससे कयास लगाये जा रहे है कि शिंदे सरकार की कैबिनेट विस्तार में अभी और देरी होने की संभावना है।
मंत्रियों द्वारा लिए जाने वाले फैसले, कई आदेश जिसकी तुरंत जरूरत होती है के सभी अधिकार मंत्रियों के पास होते हैं। गृह, राजस्व और शहरी विकास मंत्रालय में कई अपीलें पिछले महीने भर से लंबित हैं। वहीं नई सरकार बने 36 दिनों से ज्यादा का वक्त हो गया है, लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल नहीं बन पाया है।
शिंदे सरकार का कैबिनेट गठन मुख्य तौर पर सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों की वजह से लटका हुआ है। देश की शीर्ष कोर्ट में महाराष्ट्र के हालिया राजनीतिक संकट से जुड़ी छह याचिकाएं लंबित हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता व महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ सीएम एकनाथ शिंदे पिछले एक महीने से अधिक समय से राज्य की सरकार चला रहे हैं।
5 अगस्त को जो कैबिनेट का संभावित विस्तार होने वाला था. यानी महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार के लिए अभी और इंतजार करना होगा।सूत्रों के मुताबिक,
अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही कैबिनेट का विस्तार होने की उम्मीद है। महाराष्ट्र सरकार बनने के लंबे समय के बाद बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) में सरकार में मंत्रियों को लेकर सहमति भी बन गई है। बीजेपी के कोटे से आठ विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे, तो वहीं शिंदे खेमें से सात विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’