
पिछले साल कांग्रेस से भाजपा में आए ब्राह्मण नेता जितिन प्रसाद से क्यों हैं सीएम योगी नाराज!
लखनऊ: यूपी के सबसे मलाईदार विभागों के रूप में देखे जाने वाले पीडब्ल्यूडी पर योगी आदित्यनाथ ने ऐतिहासिक कार्रवाई की है पहली बार पीडब्ल्यूडी के मुखिया और ईएनसी को निलंबित कर दिया गया है।
कांग्रेस से पिछले वर्ष भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए जितिन प्रसाद भाजपा के कल्चर में अभी पूरी तरह ढल भी नहीं पाए कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें जोरदार झटका दिया है .

लोक निर्माण विभाग के कैबिनेट मंत्री के रूप में काम कर रहे जितिन प्रसाद ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके विभाग के अंदर भी उनकी नहीं चलेगी और योगी आदित्यनाथ यहां भी सर्जिकल स्ट्राइक कर देंगे. हाल ही में लोक निर्माण विभाग में हुए तबादलों को लेकर शिकायतों के बाद सोमवार को जहां योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद की खासम खास ओएसडी अनिल कुमार पांडे को पद से हटा दिया था वही अब लोक निर्माण विभाग के सबसे बड़े अधिकारी यानी विभाग के अध्यक्ष एचओडी मनोज कुमार को निलंबित कर दिया है इसके अलावा पूर्व में एचओडी रह चुके वर्तमान में ENC प्रमुख अभियंता नियोजन और परियोजना राकेश कुमार सक्सेना को भी निलंबित कर दिया है वरिष्ठ स्टाफ अफसर शैलेंद्र कुमार यादव क्लर्क संजय चौरसिया और पंकज दीक्षित को भी निलंबित कर दिया गया है।

ऐसा पहली बार हुआ है जब एक साथ लोक निर्माण विभाग के इतने बड़े अधिकारियों पर मुख्यमंत्री ने एक्शन लिया है योगी की इस कार्यवाही से पूरे विभाग में दहशत फैल गई है। बताया जा रहा है कि योगी की कार्रवाई से घबराए परेशान लोक निर्माण विभाग के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद अपनी सुनवाई ना होते देख शाहजहांपुर चले गए हैं क्योंकि उनके ही विभाग में योगी आदित्यनाथ ने इतनी बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए उनसे चर्चा करना भी जरूरी नहीं समझा ।

पिछले दिनों लोक निर्माण विभाग में तबादलों की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पहुंचाई गई इसके बाद योगी ने अपने खास सीनियर आईएएस कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनाई थी मनोज कुमार सिंह ने इस मामले में मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी पीडब्ल्यूडी के एच ओ डी और ईएनसी समेत छह लोगों को आरोपी पाया था जिसके बाद उनकी सिफारिश पर ही योगी ने कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद के पीडब्ल्यूडी में जोरदार सर्जिकल स्ट्राइक कर दी।
ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर हमेशा उत्तर प्रदेश में लगभग सभी विभागों में आरोप लगते रहे हैं बड़े अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक की तैनाती में नियमों की अनदेखी और भ्रष्टाचार के आरोप भी लगते हैं । उत्तर प्रदेश के यदि किसी भी विभागों की जांच की जाए तो ऐसा कोई विभाग नहीं मिलेगा जो सरकारी तबादला नीति के मानकों पर खरा उतरेगा , हर जगह गड़बड़ियां मिलेंगी लेकिन जितिन प्रसाद का लोक निर्माण विभाग ही योगी आदित्यनाथ के निशाने पर सबसे पहले क्यों आया इस बात को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है ।
आखिर क्यों योगी आदित्यनाथ अपनी ही सरकार के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद से इतना नाराज हैं कि उनके विभाग की मुखिया और नंबर दो के सबसे बड़े अधिकारी को निलंबित कर दिया गया इतना ही नहीं मंत्री के भरोसेमंद OSD को भी मंत्री की इच्छा के विपरीत हटा दिया गया।
कुल मिलाकर कांग्रेस से भाजपा में कुछ महीनों पहले पहले ब्राम्हण नेता की छवि लेकर आये जितिन प्रसाद को बहुत कम समय में पार्टी हाईकमान की कृपा से बहुत कुछ मिल गया ।पिछली सरकार में ही उन्हें मंत्री बना दिया गया था और इस सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की कृपा से उन्हें पीडब्ल्यूडी जैसे बड़े विभाग का मंत्री बना दिया गया ।
शायद योगी आदित्यनाथ को यह बात रास नहीं आई कि दूसरे दल से आए व्यक्ति को कम समय में इतनी ताकत दे दी गई पिछली सरकार में पीडब्ल्यूडी विभाग डिप्टी सीएम केशव मौर्या के पास था लेकिन उस समय भी विभाग के बड़े अधिकारी केशव मौर्या की इच्छा से नहीं योगी आदित्यनाथ की इच्छा से तैनात होते थे। सूत्रों के मुताबिक योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार में मंत्रियों और अधिकारियों पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करते उनको लगता है कि ज्यादा छूट दे दी गई तो मनमानी और भ्रष्टाचार बढ़ेगा और सरकार की बदनामी होगी शायद यही वजह है कि योगी अपनी ज्यादातर मंत्रियों की हर कारगुजारी पर नजर रखते हैं। और कठोर फैसले लेने में देर नहीं करते।
ब्यूरो रिपोर्ट द इंडियन ओपिनियन