रिपोर्ट – रवीनन खजांची / मनीष निगम,
भारत सरकार के खाद्य सुरक्षा नियामक, FSSAI ने खाद्य तेलों में मिलावट की घटनाओं को देखते हुए अपनी सक्रियता पूरे देश मे बढ़ा दी है। विगत कई दिनों में देश के अधिकतर शहरों से खाद्य तेल (ब्रांडेड, अनब्रांडेड) के हजारों से भी ज्यादा नमूने उठाये हैं। इन्हें सर्टिफाइड लैब में विस्तृत जांच के लिए भेजा जाएगा, ताकि कहीं मिलावट की शिकायत मिले तो उस पर आगे की कार्रवाई हो सके।
केंद्रीय FSSAI ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में बीते अगस्त माह में गुणवत्ता सर्वेक्षण (Quality) सर्वे को अंजाम दिया है। इस राष्ट्रव्यापी अभियान में सरसों तेल, नारियल तेल, पाम आयल, आलिव आयल और ब्लैंडेड आयल समेत खाद्य तेलों की कुल 15 से ज्यादा किस्मों को कवर किया गया है।
यह पहला अवसर है जबकि एक साथ इतने नमूने उठाए गए हैं। इस अभियान में देश के पहाड़ी राज्यों तथा पूर्वोत्तर के राज्यों के साथ ही लद्दाख, दमन और दीव तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह जैसे केंद्र शासित प्रदेशों से भी नमूने उठाए गए हैं। ये नमूने मॉल,हाइपर मार्केट/सुपरमार्केट के साथ-साथ गली-मोहल्ले की खुदरा और किराने की दुकानों से भी लिए गए हैं। इस अभियान में राष्ट्रीय और स्थानीय ब्रांड के साथ साथ अनब्रांडेड तेल के भी नमूनों को भी शामिल किया है
FSSAI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सर्वेक्षण का काम राज्य के खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है इन नमूनों को मानकीकृत प्रयोगशालाओं में भेजा जाएगा जिसकी रिपोर्ट आगामी 15 से 20 दिनों मिल जाएगी।
जहां कहीं भी मिलेगी मिलावट होगी उनके खिलाफ कानूनी करवाई की जाएगी
उन्होंने बताया कि परीक्षण के बाद जिन शहरों में नमूने में मिलावट की बात सामने आएगी, वहां इनफोर्समेंट सैंपल लिया जाएगा। मतलब कि तब यदि किसी दुकान में मिलावटी खाद्य तेलों की बिक्री पकड़ी जाएगी तो फिर कार्रवाई तय है। इसमें उस विक्रेता पर तो कार्रवाई होगी ही, मिलावटी खाद्य तेल बनाने वाली कंपनी पर भी गाज गिरेगी।