इंडियन ओपिनियन लखनऊ
शहर के कई चौराहों पर आपको ट्रैफिक सिग्नल पर गाड़ियों के रुकते ही वह बच्चे दिखाई पड़ते हैं जो अनायास ही गाड़ी के शीशे साफ करते हुए कुछ पैसे हासिल करने की कोशिश करते हैं। कम उम्र में भीख मांगने को मजबूर यह बच्चे किसी भी समाज किसी भी देश के लिए चिंता और शर्मिंदगी की वजह हो सकते हैं लेकिन लखनऊ में अब तस्वीर बदलने लगी है । नगर निगम और एक एनजीओ के सहयोग से भारत सरकार की योजना को धरातल पर उतार कर 100 से ज्यादा भीख मांगने वाले बच्चों और डेढ़ सौ गरीब वयस्कों के जीवन को बेहतर बनाया जा रहा है। प्रदेश की महामहिम राज्यपाल ने खुद नगर निगम के आश्रय केंद्र पर जाकर परिवर्तन के इस महा प्रयास को देखा और सहयोग भी किया।
लखनऊ नगर निगम के चिनहट स्थित आश्रय गृह में 23 जनवरी 2023 को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल द्वारा फीता काट कर भिक्षावृत्ति छोड़ चुके बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास का शुभारम्भ किया |
अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि आज इस स्मार्ट क्लास का शुभारम्भ करने की मुझे अत्यंत ख़ुशी है। दिनांक 4 अक्टूबर 2022 को राजभवन में आये इन बच्चों से किया मेरा वादा पूरा हुआ जिसकी मुझे अपार ख़ुशी है।
उन्होंने कहा कि मुझे ज्ञात हुआ है कि लखनऊ नगर निगम द्वारा शीघ्र ही स्मार्ट बस भी शुरू की जा रही है। जिसे लखनऊ परिक्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में चलाया जायेगा और जो भी अन्य भिक्षावृति से जुड़े हुए लोग और बच्चे हैं उनको शिक्षित करने का प्रयास किया जायेगा। यह बस बड़े लोगों को जो कि भिक्षावृति से जुड़े हुए है उनको भी शिक्षित करेगी एवं उनको अन्य सरकारी योजनाओ के बारे में जानकारी भी उपलब्ध कराएगी।
आज चिनहट क्षेत्र के इस समुदाय की महिलाओं का स्वयं सहायता समूह भी बनाया गया है। जिसमें 10-10 महिलाओं के दो समूहों का गठन किया जा चुका है एवं उनके बैंक में खाते भी खुलवाए जा चुके है जिससे उनको व्यावसायिक गतिविधियों से जोड़ा जायेगा।
अंत में उन्होंने कहा कि इन बच्चो से जुड़े इस कार्यक्रम में मै अपना पूरा सहयोग प्रदान करूँगी। जिससे इनको मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।
नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह ने बताया कि भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से लखनऊ शहर में भिक्षावृत्ति से जुड़े लोगों के पुनर्वास के लिए स्माइल परियोजना का क्रियान्वयन लखनऊ नगर निगम और उम्मीद संस्था द्वारा किया जा रहा है । इस परियोजना की यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है कि आज 100 से अधिक बच्चों और 150 से अधिक वयस्कों ने पूर्ण रूप से भिक्षावृत्ति को छोड़ कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। मुझे ख़ुशी है कि आगे चल कर देश व प्रदेश की समृद्धि में इनका योगदान भी जोड़ा जायेगा।
युवा आईएएस अधिकारी इंद्रजीत सिंह ने जब से लखनऊ नगर निगम की कमान संभाली है तब से लगातार नगर निगम में पारदर्शिता और जवाबदेही पर काम किया जा रहा है इसके अलावा गरीबी और भिक्षावृत्ति जैसी सामाजिक विसंगति को दूर करने के सकारात्मक प्रयास भी किए जा रहे हैं।