मुख्तार अंसारी का नाम 2005 में उस वक्त पूरे देश में चर्चित हो उठा, जब बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में उसका नाम आया. हालांकि, जब कृष्णानंद की हत्या हुई तो उस समय मुख्तार जेल में बंद थे.
गैंगस्टर एक्ट में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी और भीम सिंह पर दोष सिद्ध हो गया है. मामले में दोनों पक्षों के वकीलों ने गाजीपुर गैंगस्टर कोर्ट में बहस किया, लेकिन अंत में फैसला मुख्तार अंसारी के खिलाफ गया. कोर्ट ने अपने फैसले में मुख्तार को 10 साल की जेल और पांच लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. अंसारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट की सुनवाई में शामिल हुए. साल1996 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था.
मुख्तार अंसारी जमीन कब्जाने, मर्डर और वसूली समेत कम से कम 49 आपराधिक मामलों के संबंध में ईडी की जांच के घेरे में हैं. वह हत्या के प्रयास और हत्या समेत कई मामलों में यूपी में मुकदमों का सामना कर रहे हैं. मुख्तार ने 1996 में पहली बार बसपा के टिकट पर मऊ विधानसभा से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे. इस विधानसभा क्षेत्र में वह लगातार तीन चुनाव जीत चुके हैं.