दीपक मिश्रा: प्रधान संवाददाता, द इंडियन ओपिनियन लखनऊ
आज देश भर की मीडिया को सरकार ने बड़ी ब्रेकिंग न्यूज़ दी है यह अलग बात है कि न्यूज़ चलाने का दावा करने वाले बहुत से संस्थान इस न्यूज़ को चलाने का साहस नहीं दिखा पाएंगे। देश के बड़े अखबार दैनिक भास्कर और उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय चैनल भारत समाचार ठिकानों पर आयकर और प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा छापेमारी की गई है। चैनल के मुखिया बृजेश मिश्रा और उनके स्टेट हेड वीरेंद्र सिंह के घर और दफ्तर पर छापेमारी की गई है।
उत्तर भारत में रीजनल टीवी जर्नलिज्म के प्रतिनिधि पत्रकार हैं बृजेश :
दैनिक भास्कर देश का बड़ा और चर्चित अखबार है लंबे समय से वह अपनी खबरों को लेकर चर्चा में रहता है पिछले कुछ वर्षों से सरकार की विफलताओं को इस अखबार में उजागर किया गया था वहीं दूसरी तरफ बृजेश मिश्र का हिंदी टेलीविजन पत्रकारिता में एक अलग ही व्यक्तित्व है वह उत्तर प्रदेश में टेलीविजन पत्रकारिता को प्रभावशाली और आक्रमक अवतार देने वाले क्रांतिकारी पत्रकार माने जाते हैं। पहली बार उन्होंने क्षेत्रीय टेलीविजन पत्रकारिता में बहुत से नए प्रयोग किए जो आज सभी चैनलों के द्वारा सिद्धांत के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं । बृजेश मिश्रा की कार्यशैली की वजह से ही पूरे देश में क्षेत्रीय टीवी पत्रकारिता को राष्ट्रीय चैनलों में भी बराबर महत्व मिलने लगा उनके ही नेतृत्व में हैदराबाद से संचालित ईटीवी उत्तर प्रदेश वाकई में उत्तर प्रदेश की आवाज बन गया था गांव गांव गली गली हर सरकारी दफ्तर और उत्तर प्रदेश के हर बौद्धिक परिवार में ईटीवी प्रतिदिन गंभीरता से देखा जाता था क्योंकि उसका नेतृत्व बृजेश मिश्रा कर रहे थे।
तेजस्वी रिपोर्टर कुशल ब्यूरो चीफ, प्रभावशाली एंकर दमदार एडिटर इन चीफ:
बृजेश मिश्रा के नेतृत्व में उनकी ईटीवी की टीम ने बेहतरीन एंकरिंग तथ्यात्मक रिपोर्टिंग और कम से कम समय में अधिक से अधिक जानकारी देने वाली खबरों को पेश कर प्रदेश में सफलता का एक बड़ा कीर्तिमान बना दिया था जिसके चलते उत्तर प्रदेश में सालों तक सभी सरकारों ने ईटीवी उत्तर प्रदेश को समाचारों का विश्वसनीय और प्राथमिक स्रोत माना, यहां तक कि देश के निर्वाचन आयोग ने भी बृजेश मिश्रा के नेतृत्व में ईटीवी की प्रशंसा की थी।
रिलायंस की दखल के बाद ईटीवी छोड़कर अपने चैनल के काम में जुटे बृजेश मिश्रा:
2016 में जब अंबानी परिवार के रिलायंस समूह ने ईटीवी उत्तर प्रदेश के नेटवर्क को खरीद लिया था तब बृजेश मिश्रा ने अपनी टीम के साथ अलग चैनल स्थापित किया पहले वह यूपीटीवी लेकर आए फिर उन्होंने उत्तर प्रदेश में नेशनल वॉइस को चलाया और विगत कुछ वर्षों से वह भारत समाचार का संचालन बतौर editor-in-chief कर रहे हैं उनके नेतृत्व में बहुत ही कम समय में भारत समाचार जनहितकारी खबरों को सरकार के दबाव के बगैर पूरी निष्पक्षता के साथ दिखाने वाला एक प्रभावशाली माध्यम बन गया। बृजेश के नेतृत्व में उनके चैनल के स्टेट हेड वीरेंद्र सिंह भी बेबाकी से रिपोर्टिंग करते हैं।
भारत समाचार की लोकप्रियता से उत्तर प्रदेश के कई रीजनल चैनल्स के संपादक और संचालन नफरत और और कुंठा में डूबकर सरकार से चुगली करने लगे कोरोना संकट में सरकार की लापरवाही, हजारों लोगों की मौतों की खबरों को भारत समाचार ने मजबूती से दिखाया। सरकार के अधिकारियों और जिम्मेदार लोगों की लापरवाही की खबरें दिखाना मीडिया का दायित्व भी है और बृजेश मिश्रा के नेतृत्व में भारत समाचार ने इस दायित्व का निर्वहन किया ।
सरकार के कई बड़े अधिकारी सरकार को सही सुझाव देने की बजाय सरकार को पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उकसाते हैं पर सरकार चलाने वाला राजनैतिक नेतृत्व यह नहीं समझ पाता कि अधिकारी तो 32 साल की नौकरी करने आए है उनकी दसों उंगली लंबे समय तक घी में है,लेकिन राजनीतिक नेतृत्व तो हर 5 साल बाद एक परीक्षण के दौर से गुजरता है ऐसे में प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों पर कार्रवाई करने से किसी भी राजनीतिक दल को लोकप्रियता नहीं मिलती सिर्फ जनता के बीच में नुकसान होता है और यह बात भारतीय जनता पार्टी के जिम्मेदार लोग नहीं समझ पा रहे।
कुछ कमियां तो सब में होती हैं लेकिन बृजेश मिश्र एक परिश्रमी संयमित व्यक्तित्व के स्वामी हैं:
बृजेश मिश्रा ने आज जो भी स्थान समाज में और पत्रकारिता में हासिल किया है उसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत अनुशासन और योग्यता से बना हुआ व्यक्तित्व है।
उनके नेतृत्व में काम करने वाला मीडिया संस्थान बहुत तेजी से लोकप्रिय हो जाता है ऐसा सिर्फ भारत समाचार के साथ नहीं हुआ वह जहां भी रहे वहां उनका एक अलग किरदार दिखाई पड़ा जिसकी वजह से प्रतिस्पर्धा करने वाले बहुत से लोग अकारण विरोधी बन गए ।
सरकार की कार्रवाई से बृजेश मिश्र की लोकप्रियता में वृद्धि होगा और लाभ:
बीजेपी सरकार के नेतृत्व में इनकम टैक्स और ईडी ने भारत समाचार के एडिटर इन चीफ बृजेश मिश्रा के गोमती नगर स्थित मकान और हजरतगंज स्थित कार्यालय में छापेमारी करके जो भी प्रयास किया हो वह तो सामने आएगा ही लेकिन सरकारी विभागों की इस कार्रवाई से भारतीय मीडिया जगत में बृजेश मिश्रा की चर्चा और उनके व्यक्तित्व का प्रभाव और अधिक बढ़ गया है उनके जानने वाले और उन्हें पसंद करने वालों की संख्या में भी इस कार्रवाई से वृद्धि हो रही है। जानकारों के मुताबिक सरकार का यह दांव उल्टा ही पढ़ने वाला है और इससे सरकार को फायदा कम नुकसान ज्यादा होने वाला है ।
बीजेपी को भ्रम है कि समाजवादी पार्टी का समर्थन करते हैं बृजेश:
बीजेपी नेतृत्व को ऐसा लगता है कि उत्तर भारत के दिग्गज टीवी पत्रकार ब्रजेश मिश्रा भाजपा को लगातार अपनी रिपोर्टिंग से नुकसान पहुंचा रहे हैं और ऐसा वह समाजवादी पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए कर रहे हैं जबकि बीजेपी के नेताओं को उनकी पत्रकारिता का इतिहास देखना चाहिए उस समय जब उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी, जब मायावती की सरकार थी और जब अखिलेश यादव की सरकार थी उस समय भी उत्तर प्रदेश में अपराध अव्यवस्था और सरकारी लापरवाही की बड़ी खबरें सबसे पहले बृजेश मिश्रा के नेतृत्व में ईटीवी पर दिखाई जाती थी।
कहा जा रहा है कि योगी सरकार के अधिकारियों ने सबसे पहले भारत समाचार के सरकारी विज्ञापन बंद कर दिए फिर भी ब्रजेश नहीं झुके तो यह हथकंडा अपनाया गया। सरकार ने अच्छे पत्रकारों से संतुलित संबंध विकसित करने की बजाय अपने नेता और अधिकारियों की कमियों को छुपाने के लिए पत्रकारों पर दबाव बनाने की रणनीति से इसी विवाद को जन्म दिया है सरकार की यह
“मीडिया मिस हैंडलिंग” फायदा नहीं नुकसान ही पहुंचाएगी। इस कठिन संघर्ष के बाद ब्रजेश और अधिक प्रभावशाली शैली से समृद्ध होकर सामने आएंगे।
बिना सरकारी विज्ञापनों के सीमित संसाधनों में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है भारत समाचार:
बृजेश मिश्रा बहुत ही सीमित संसाधनों में भारत समाचार चैनल का संचालन कर रहे हैं भारत समाचार शायद देश का एकमात्र टीवी चैनल है जो कि बड़े बड़े व्यापारियों के द्वारा नहीं एक कुशल पत्रकार के द्वारा संचालित है आर्थिक संकटों के बावजूद जिस तरह से बिना सरकारी विज्ञापन के भारत समाचार अपने कर्तव्य पथ पर बृजेश मिश्रा के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है उससे यह स्पष्ट है कि बृजेश मिश्रा के व्यक्तित्व की छांव में इस चैनल का भविष्य उज्जवल है। आईटी और ई डी की यह कार्रवाई भारत समाचार के लिए उसकी निष्पक्षता और प्रतिष्ठा का एक और बड़ा प्रमाण पत्र है, जिसकी जनता में सराहना हो रही है।